published by saurabh
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जन्मदिन 05 अगस्त के अवसर पर.
मुंबई,(वार्ता): ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ समेत बॉलीवुड की 50 से अधिक फिल्मों में अपने संजीदा अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली काजोल सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्म फेयर पुरस्कार जीतने वाली पहली अभिनेत्री हैं। काजोल ने अपने सिने करियर के दौरान कई फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से कई अवार्डस अपने नाम किये। रोचक बात है कि काजोल को फिल्म ‘गुप्त’ में उनके नेगेटिव अभिनय के लिये सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था। वर्ष 1997 में काजोल को निर्माता- निर्देशक राजीव राय की फिल्म ‘गुप्त’ में काम करने का अवसर मिला। फिल्म में काजोल का किरदार ग्रे शेडस लिये हुये था। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ खलनायक के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी। फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास का पहला मौका था जब किसी अभिनेत्री को सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया था। इसके बाद वर्ष 2005 में फिल्म ऐतराज के लिये प्रियंका चोपड़ा को सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। इसके बाद से किसी अभिनेत्री को यह पुरस्कार नहीं दिया गया है। काजोल ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सर्वाधिक फिल्मफेयर अवार्ड भी हासिल किया है। काजोल ने अपने सिने करियर के दौरान पांच बार सवश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुररस्कार हासिल किया है। काजोल की मौसी और अभिनेत्री नूतन ने भी पांच बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्प फेयर पुरस्कार हासिल किया है। काजोल ने दिलवाले दुल्हनियां ले जायेंगे, कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम, फना और माई नेम इर्ज खान के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फेयर पुरस्कार जीता है।
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05 अगस्त 1974 को मुंबई में जन्मी काजोल को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता सोमु मुखर्जी निर्माता जबकि मां तनुजा जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री थी। काजोल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा संत जोसेफ कान्वेंट पंचगनी से की। इसके बाद उन्होंने बतौर अभिनेत्री अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म बेखुदी से की। वर्ष 1993 में अब्बास-मुस्तान की फिल्म बाजीगर काजोल के करियर की पहली सुपरहिट साबित हुयी। इस फिल्म में काजोल ने शाहरूख खान के अपोजिट काम किया। वर्ष 1995 में काजोल को यश चोपड़ा की ही फिल्म दिलवाले दुल्हनियां ले जायेगे में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने कैरियर के लिये मील का पत्थर साबित हुयी। आदित्य चोपड़ा के निर्देशन में बनी काजोल और शाहरूख खान के बेहतरीन अभिनय से सजी यह फिल्म सुपरहिट साबित हुयी। वर्ष 1998 में काजोल की प्यार तो होना ही था, दुश्मन और कुछ कुछ होता है जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी। इन तीनों फिल्मों के लिये भी वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिये नामांकित की गयी। यह उनके सिने करियर में पहला अवसर था जब एक वर्ष में तीन फिल्मों के लिये उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार के लिये नामांकित किया गया था। हालांकि फिल्म कुछ कुछ होता है के लिये काजोल को यह पुरस्कार दिया गया। वर्ष 1999 में काजोल ने अजय देवगन के साथ शादी कर ली। बताया जाता है कि काजोल शुरू से अजय देवगन को पसंद करती थीं और उनसे शादी करना चाहती थीं। अंतत: काजोल ने ही अजय को प्रपोज किया था। अजय देवगन और काजोल की पहली मुलाकात फिल्म हलचल के सेट पर हुई थी। अजय देवगन शूटिंग से खाली समय में शांत, अकेले एक कोने में कुर्सी पर बैठे रहते थे, उनसे उलट काजोल बेहद बातूनी, हंगामा मचाने वाली और माहौल में अपनी उपस्थिति का अहसास कराने वाली लड़की थीं। फिल्म की शूटिंग आगे बढ़ने के साथ दोनों करीब आये और दोनों में अच्छी दोस्ती हो गयी। उनका यह रिश्ता प्रेम संबंध में बदल गया। दोनों ने चार साल बाद 1999 में शादी कर ली। अजय-काजोल के दो बच्चे न्यासा और युग है। शादी के बाद काजोल ने फिल्मों में काम करना काफी हद तक कम कर दिया । वर्ष 2001 में प्रदर्शित फिल्म ..कभी खुशी कभी गम के बाद काजोल ने फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया। वर्ष 2006 में काजोल ने यश चोपड़ा के बैनर तले बनी फिल्म फना के जरिये फिल्म इंडस्ट्री में अपनी धमाकेदार वापसी की। काजोल के सिने कैरियर में उनकी जोड़ी अभिनेता शाहरूख खान के साथ खूब जमी। वर्ष 2011 में काजोल पदमश्री पुरस्कार से भी सम्मानित की गयी। काजोल ने वर्ष 2015 में प्रदर्शित फिल्म दिलवाले से कमबैक किया। रोहित शेट्ठी के निर्देशन में बनी फिल्म दिलवाले में शाहरूख के साथ काजोल की केमेस्ट्री को दर्शकों ने बेहद पसंद किया। फिल्म दिलवाले टिकट खिड़की पर हिट साबित हुयी। वर्ष 2020 काजोल ने अजय देवगन के साथ फिल्म सुपरहिट फिल्म तानहाजी – द अनसंग वारियर में काम किया है।