भारत ने बंगलादेश को सौंपे 10 डीज़ल इंजन

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published by saurabh

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नयी दिल्ली ,(वार्ता): भारत ने बंगलादेश के साथ ढांचागत क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को आगे ले जाने के क्रम में आज उसे भारत में निर्मित 10 ब्रॉडगेज डीज़ल इंजन सौंपे।


विदेश मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित एक समारोह में इन इंजनों को पूर्वी रेलवे के सियाल्दह मंडल में गेडे स्टेशन से हरी झंडी दिखा कर बंगलादेश के दर्शना स्टेशन के लिए रवाना किया गया। यहां नयी दिल्ली में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, रेल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी मौजूद थे। जबकि बंगलादेश की ओर से ढाका में वहां के विदेश मंत्री डॉ. ए के अब्दुल मोमिन और रेल मंत्री नूरुल इस्लाम सुजोन और बंगलादेश में भारत की उच्चायुक्त श्रीमती रेवा गांगुली दास उपस्थित थीं।
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत एवं बंगलादेश के संबंध परस्पर विश्वास एवं सम्मान पर आधारित हैं जो समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कोविड महामारी के बावजूद द्विपक्षीय सहयोग की गति धीमी नहीं हुई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ऐतिहासिक ‘मुजीब वर्षो’ में भारत एवं बंगलादेश आपसी सहयोग के सफर में मील के ऐसे ही कई पत्थर पार करेंगे।

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इस मौके पर श्री गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि रेल के इन इंजनों के माध्यम से भारत एवं बंगलादेश के बीच कनेक्टिविटी और व्यापार के साथ साथ दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी प्रेम एवं सौहार्द्र भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच रेल के क्षेत्र में सहयोग हमारी आर्थिक साझीदारी को भी बढ़ावा दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना दोनों देशों के बीच 1965 के पूर्व के रेलवे लिंक खोलने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसे सात लिंक में से चार खोले जा चुके हैं जबकि दो लिंक – चिलाहाटी से हल्दीबाड़ी और शाहबाजपुर से महिषासन, को खोलने की तैयारी चल रही है।
श्री गोयल ने कहा कि बंगलादेश में भारत के सहयोग से रेल के क्षेत्र में 2.44 अरब डॉलर की 17 परियोजनाओं को अंजाम दिया जा रहा है जिनमें रेल इंजनों की आपूर्ति शामिल है। अगरतला से बंगलादेश के अखौरा तक 21 किलोमीटर को रेल लिंक भी इसी सहायता के तहत बिछाया जा रहा है। अखौरा बंगलादेश में ढाका -चटगांव मुख्य लाइन पर पड़ता है। यह मार्ग अगले वर्ष मार्च 2021 तक पूरा होने की आशा है।
भारत एवं बंगलादेश के बीच रेलवे के क्षेत्र में सहयोग 1996 में शुरू हुआ था जब भारत ने वाराणसी के डीजल रेल कारखाने में बने मीटर गेज के 10 इंजनों की आपूर्ति की थी। इसके बाद 2001 से 2014 के बीच 40 अन्य ब्रॉडगेज के इंजनों की आपूर्ति की गयी। वर्ष 2016-17 में 120 यात्री कोच भी निर्यात किये गये।
सूत्रोंं के अनुसार अभी जो 10 ब्रॉडगेज डीज़ल इंजन भेजे गये हैं, वे डब्ल्यूडीएम3डी श्रेणी के हैं और ये 3300 अश्वशक्ति के हैं, जो 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चल सकते हैं। इन इंजनों की आयु करीब 28 वर्ष है। इन इंजनों की नियंत्रण प्रणाली माइक्रोप्रोसेसर आधारित है। केबिन की डिजायन लोकोपायलट को तनाव मुक्त ड्राइविंग और बेहतर दृश्यता सुलभ कराने को ध्यान में रख कर की गयी है। इंजनों का अनुरक्षण आसान होगा। बंगलादेश रेलवे में भारतीय रेलवे के इंजनों के आने से दोनों रेलवे के बीच अंतरपरिचालन में आसानी होगी।

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