published by saurabh
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नयी दिल्ली (वार्ता): कोविड-19 महामारी के कारण समर्पित माल ढुलाई गलियारों (डीएफसी) के काम में देरी हुई है और रेलवे ने अब इन्हें पूरा करने का लक्ष्य छह महीने बढ़ा दिया है। साथ ही चार नये डीएफसी के लिए सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया गया है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने आज एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पूर्वी डीएफसी और पश्चिमी डीएफसी का काम जून 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। पहले इन दोनों डीएफसी का काम दिसंबर 2021 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण डीएफसी के काम में देरी हुई है। इसी कारण लक्ष्य आगे बढ़ाया गया है। करीब तीन महीने तक बिल्कुल भी काम नहीं हो सका। अब भी मजदूरों की कमी के कारण काम पूरी गति से नहीं हो पा रहा है। इनके अलावा रेलवे ने चार और डीएफसी की योजना बनाई है जिनकी कुल लंबाई चार हजार रूट किलोमीटर होगी।
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इन परियोजनाओं की कुल लागत 1.4 लाख करोड़ रुपये होगी। इन्हें सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर तैयार किया जायेगा। श्री यादव ने बताया कि इन परियोजनाओं के लिए जमीन रेलवे उपलब्ध करायेगी जबकि निर्माण और मालगाड़ियों के परिचालन की जिम्मेदारी निजी कंपनी की होगी। अभी इनके लिए लोकेशन सर्वेक्षण का काम चल रहा है। अगले साल तक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार होने की उम्मीद है जबकि इनका निर्माण वर्ष 2030 तक पूरा हो जायेगा। मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ाने और मालढुलाई से राजस्व प्राप्ति में वृद्धि के उद्देश्य से सरकार ने डीएफसी की परिकल्पना को मूर्त रूप देने का काम शुरू किया है। पूर्वी और पश्चिमी गलियारों की कुल लंबाई 2,800 रूट किलोमीटर है। इन पर सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मालगाड़ियाँ दौड़ेंगी।
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