published by saurabh
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नयी दिल्ली,(वार्ता): वैश्विक महामारी कोविड-19 से मृत्यु हो जाने पर कई बार अपने भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होते हैं और ऐसे वक्त में अपनी जान को जोखिम में डालकर निगम बोध घाट पर कोरोना मृतकों का संस्कार करने वाले दो कोरोना योद्धाओं पप्पू तथा हरिंद्र को सोमवार को सम्मानित किया गया। निगम बोध घाट संचालन समिति के प्रमुख संचालक सुमन कुमार गुप्ता ने आज बताया कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण से पहली मौत जनकपुरी की एक बुजुर्ग महिला की हुई थी,उसी दिन से ही आज तक करीब 1320 कोरोना पीड़ित मृतकों का संस्कार कर अपनी जान-जोखिम में डालकर यह दोनों कर चुके हैं। पप्पू और हरिन्द्र निगम बोध घाट के सीएनजी से संस्कार करने का कर्तव्य अपनी जान को जोखिम में डालकर निभा रहे हैं।
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श्री गुप्ता ने कहा कोरोनाकाल के अंदर निगम बोध घाट प्रमुख दाह स्थल बनाया गया था, जहां संचालन समिति ने न केवल इनकी ड्यूटी इस काम में लगाई,बल्कि इन्हे हरसंभव मदद कर इनका बीमा भी करवाया। उन्होंने कहा कि ऐसे योद्धाओं का सार्वजनिक रुप से सम्मान होना चाहिए । उन्होंने केंद्र और दिल्ली सरकार से मांग की है कि ऐसे वास्तविक यौद्धाओं का अवश्य सम्मानित किया जाना चाहिए, जिन्होंने संक्रमण काल की भयंकर चुनौती में अपने प्राणो की परवाह न करते हुए मृतकों का विधिवत दाह संस्कार किया। श्री गुप्ता ने कहा कि दोनों का सम्मान कर उन्हें प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
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