नारियल रेशा उद्योग को सात हजार करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य

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नयी दिल्ली। तटीय क्षेत्रों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अगले कुछ वर्षों में नारियल रेशा उद्योग का निर्यात सात हजार करोड़ रुपए तक पहुंचाने की एक विस्तृृत योजना तैयार की है। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय में पूरी योजना से जुड़े अधिकारियों ने यहां बताया कि नारियल रेशा उद्योग देश के विभिन्न राज्यों में सात लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराता है, जिनमें अधिकतर महिलायें हैं।

एक अनुमान के अनुसार उद्योग में लगभग 80 प्रतिशत कार्यबल महिलाएं हैं और यह देश के कई तटीय जिलों के ग्रामीण महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आंकड़ों के अनुसार देश में 1,570 पंजीकृत नारियल रेशा निर्यातक हैं। वर्ष 2020-21 के दौरान भारत से नारियल रेशा और संबंधित उत्पादों के निर्यात ने पिछले वर्ष की तुलना में 1,021 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि के साथ 3778.98 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड दर्ज किया है। वर्ष 2019-20 की तुलना में मूल्य में वृद्धि 37 प्रतिशत हो गई है।

नारियल रेशा उद्योग ने अगले कुछ ही वर्षों में 7000 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य को हासिल करने की योजना तैयार की है, जिसमें सभी संबंधित पक्षों को शामिल किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंक्षी रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत देश के विभिन्न राज्यों में नारियल रेशा उद्योग इकाइयां शुरू की गई है। इसके लिए भारतीय नारियल रेशा बोर्ड के अनुसंधान संस्थान, कताई और उत्पाद विविधीकरण के क्षेत्र में विभिन्न इकाइयों और विश्वविद्यालयों के साथ नारियल रेशा में नई अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं चला रहे हैं।