5 वर्षों के लिए बढ़ी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, जन-मन योजना को भी मंजूरी

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प्रधानमंत्री गरीब कल् याण अन्न योजना (PMGKAY) को पांच वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। ये जानकारी बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस ब्रीफिंग में दी है। उन्होंने कहा कि देश के करीब 81 करोड़ लोगों को इस स्कीम से लाभ होगा।

इस योजना पर अगले पांच वर्षों में लगभग 11.80 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। 1 जनवरी, 2024 से ये निर्णय अगले पांच वर्षों के लिए लागू होगा।

इस योजना के तहत प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने 5 किलो अनाज मुफ्त में मिलता है; ये अंत् योदय योजना के तहत मामूली दरों पर मिलने वाले 35 किलो अनाज के अतिरिक् त है।

जन-मन योजना पर खर्च होंगे ₹24,100 करोड़

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान, जिसे प्रधानमंत्री जन-मन योजना भी कहते हैं, को भी केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। योजना पर 24,100 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें से केंद्र सरकार 15,300 करोड़ रुपये देगी, जबकि राज्य सरकार बाकी राशि खर्च करेगी।

18 राज्यों में ये योजनाएं लागू की जाएंगी, जिससे लगभग 28 लाख आदिवासी लाभ उठाएंगे। आदिवासियों को इस योजना के तहत बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी, जैसे आवास, सड़क कनेक्टिविटी, पानी, मोबाइल मेडिकल स्टोर और सोलर स्ट्रीट लाइटिंग।

‘ड्रोन’ स्‍कीम को भी मंजूरी

15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को ड्रोन देने की एक केंद्रीय योजना को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है, जिस पर 1,261 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, अनुराग ठाकुर ने बताया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस योजना का मकसद 2024-25 और 2025-2026 के दौरान 15,000 चयनित महिला कृषि हेल् प ग्रुप् स को ड्रोन देना है, ताकि वे इन्हें खेती संबंधित जरूरतों के लिए किराये पर दे सकें।””

इस योजना के तहत स्वीकृत 15,000 स्वयंसेवी संगठनों को स्थाई रोजगार और आजीविका सहायता मिलेगी। इससे महिलाएं हर साल कम से कम एक लाख रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित कर सकती हैं।

याद रखें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में ड्रोन तकनीक का उपयोग करने की घोषणा की थी।

फास्‍ट ट्रैक कोर्ट पर भी फैसला

16वें वित्त आयोग की सिफारिशों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने भी मंजूरी दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने POCSO कानून और दुष्कर्म से संबंधित मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए चलाई जा रही फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट योजना को तीन साल तक जारी रखने की अनुमति दी है।