12 सितम्बर को करनाल में तलवारबाजी के लिए टैलेंट हंट का आयोजन

न्यूज़ राष्ट्रीय स्पोर्ट्स

published by saurabh

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करनाल,(वार्ता): अगले माह विश्व तलवारबाजी दिवस 12 सितम्बर को हरियाणा के करनाल के कर्ण स्टेडियम में मिशन ओलम्पिक के अंतर्गत एक टैलेंट हंट का आयोजन किया जायेगा। इस टैलेंट हंट से होनहार और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को दो अलग आयु वर्गों (5-10 और 10-15) में चुन कर उन्हें उच्चतम ट्रेनिंग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जायेगा।
केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने खेलो इंडिया स्कीम की पहली काउन्सिल मीटिंग के दौरान कहा था कि भारत को खेलों की दुनिया में महाशक्ति बनाने के लिए युवा प्रतिभाओं का चयन कर उन्हें उम्दा ट्रेनिंग मुहैया करनी होगी जिससे वे आने वाले समय में देश का प्रतिनिधित्व कर सके। खेल मंत्री ने यह भी बताया था कि एक खिलाड़ी को ओलम्पिक के लिए तैयारी करने में कम से कम आठ वर्ष का समय लगता है। यदि हम आज अपने युवाओं में समय से निवेश करेंगे तभी वे भविष्य के चैंपियन बन सकेंगे।
खेल मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया था कि युवा प्रतिभाओं को पहचानने के लिए राज्य, जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर टैलेंट हंट तथा प्रतियोगिताएं आयोजित करनी होगी। रिजिजू की इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए करनाल तलवारबाजी संघ के संरक्षक और भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के महामंत्री एडवोकेट वेदपाल ने बताया कि अगले माह होने वाले विश्व तलवारबाजी दिवस 12 सितम्बर को कर्ण स्टेडियम में मिशन ओलम्पिक के अंतर्गत एक टैलेंट हंट का आयोजन किया जायेगा। इस टैलेंट हंट से होनहार और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को दो अलग आयु वर्गों (5-10 और 10-15) में चुन कर उन्हें उच्चतम ट्रेनिंग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जायेगा। हरियाणा सरकार में खेल मंत्री सरदार संदीप सिंह और हरियाणा खेल विभाग द्वारा भी खिलाड़ियों को ऊंचे दर्जे की ट्रेनिंग देने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।

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करनाल के कर्ण स्टेडियम में कार्यरत तलवारबाजी कोच सत्यवीर सिंह ने बताया कि करनाल में तलवारबाजी के वर्तमान खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद हैं कि यदि केंद्रीय खेल मंत्री के सुझाव पर अमल कर युवा खिलाड़ियों पर समय से निवेश किया जाये तो भारत खेलों की दुनिया में महाशक्ति बन कर उभर सकता है।तलवारबाजी एक कॉम्बैट खेल हैं जिसमें खिलाड़ी तीन अलग-अलग तलवारों के साथ अपने हुनर कर प्रदर्शन करते हुए मैडल के लिए अपनी दावेदारी पेश करते है। तलवारबाजी में खिलाड़ी को जीतने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी को तलवार से छू कर अंक लेना पड़ता है जिसके लिए एक खिलाड़ी को अपनी गति और निपुणता को बनाये रखने के लिए वर्षों तक प्रशिक्षण लेना पड़ता हैं। तलवारबाजी को वर्ष 1896 में एथेंस में आयोजित पहले ओलम्पिक खेलों से आज तक प्रत्येक ओलम्पिक में जगह दी गयी हैं। इसके साथ ही तेहरान में 1974 के एशियाई खेलों के बाद से तलवारबाजी एशियाई खेलों का एक नियमित हिस्सा भी है। गौरतलब है कि करनाल पिछले 20 वर्षों से हरियाणा में तलवारबाजी का केंद्र रहा है। करनाल के तलवारबाजों ने प्रत्येक स्तर पर पदक जीते हैं चाहे वो राज्य स्तरीय चैंपियनशिप हो या फिर राष्ट्रीय, दक्षिण एशियाई, एशियाई और कामनवेल्थ चैंपियनशिप, करनाल के तलवारबाजों ने हर जगह अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी हैं। भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा जारी की गई 2028 ओलम्पिक खेलों के लिए संभावित मैडल के लिए चयनित किये गए 14 खेलों की सूची में तलवारबाजी भी शामिल हैं। वेदपाल ने करनाल के अभिभावकों से आह्वान किया कि यदि वे अपने बच्चे के लिए खेलों में एक सुनहरे भविष्य की तलाश कर रहे हैं तो वे अपने बच्चे का इस टैलेंट हंट के लिए रजिस्ट्रेशन अवश्य करवाए। इसके साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों को आश्वस्त किया कि एसोसिएशन द्वारा खिलाड़ियों को सहयोग मिलता रहेगा और प्रत्येक तलवारबाज खिलाड़ी को भारत और राज्य सरकार की खेल नीति का पूर्ण लाभ मिलेगा।

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