श्रमिकों पर प्राथमिकी के विरोध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र

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published by saurabh

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नयी दिल्ली(वार्ता): श्रमिकों ने देशभर में विरोध प्रदर्शन के कारण मजदूरों पर दर्ज की गयी प्राथमिकी वापस लेने की मांग करते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है और कहा है कि सरकारी की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवज उठाना अपराध नहीं है। श्रमिक नेता अमरजीत कौर ने सोमवार को यहां एक बयान में कहा कि आठ और नौ अगस्त के दाैरान अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे श्रमिकों और श्रमिक नेताओं के खिलाफ देशभर में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। ये प्राथमिकी दिल्ली, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब, बिहार और झारखंड में दर्ज की गयी है। केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने श्री शाह को लिखे पत्र में कहा है कि श्रमिक श्रम नीतियों, सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश और उनके निजीकरण के विरोध में तथा कोरोना महामारी के अग्रिम योद्धा डाक्टरों, नर्सों, तकनीकी कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों, निगम कर्मियों, आशा, आंगनवाडी और मध्यांन्ह भोजन कार्यकर्ताओं के अधिकारों के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।

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महामारी के दौरान सरकार के कदमों से परेशान लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन श्रमिक संगठनों में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, हिन्द मजदूर सभा, सेंटर फॉर ट्रेड यूनियन, ऑल इंडिया युनियन ऑफ युनियंस कांग्रेस, ट्रेड यूनियन कांग्रेस कमिटी, सेल्फ इम्प्लायड वूमेंस एसोसिएशन, युनाईटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस, ऑल इंडियन सेंट्रल कौंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस और लेफ्ट पीपुल्स फ्रंट शामिल हैं। श्रमिक नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र के हित में श्रमिकों, श्रमिक नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकियों को तुरंत वापस लेने के निर्देश दिये जाने चाहिए। पत्र के अनुसार प्रदर्शन कर रहे सभी लोगों ने मास्क पहना और परस्पर सुरक्षित दूरी के मानक का पूरी तरह से पालन किया। इसके बावजूद इनके खिलाफ देशभर में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पत्र में कहा गया है कि यह सरकार का बदले की कार्रवाई करने वाला कदम है और श्रमिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों केा कुचलने का प्रयास है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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