published by saurabh
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नयी दिल्ली,(वार्ता): उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को व्यवस्था दी कि अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), 1973 की धारा 406 में प्रदत्त शक्तियों के तहत केवल मुकदमों और अपीलों को ही स्थानांतरित किया जा सकता है, जांच को नहीं। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय ने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में पटना में दायर प्राथमिकी को मुंबई स्थानांतरित करने की मॉडल रिया चक्रवर्ती की अर्जी ठुकराते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अदालत के समक्ष कई बिंदुओं में एक यह भी विचारणीय बिंदु था कि क्या सीआरपीसी की धारा 406 के तहत जांच को स्थानांतरित किया जा सकता है? न्यायालय ने ‘रामचंद्र सिंह सागम बनाम तमिलनाडु सरकार’ के मामले में न्यायमूर्ति कृष्णा अय्यर के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि संबंधित धारा के तहत मुकदमों और अपीलों को स्थानांतरित करने का अधिकार तो उच्चतम न्यायालय के पास मौजूद है, लेकिन जांच को नहीं।
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गौरतलब है कि इस मामले में सुशांत के पिता के. के. सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने रिया चक्रवर्ती की स्थानांतरण याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि सीआरपीसी की धारा 406 में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करके जांच कार्य स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। एकल पीठ ने कहा, “इस अधिकार के इस्तेमाल का दायरा न्याय सुलभ कराने के लिए है। पूर्व के दृष्टांत यह दर्शाते हैं कि सीआरपीसी की धारा 406 के तहत स्थानांतरण याचिका को वैसे मामलों में मंजूरी दी गयी जहां कोर्ट को ऐसा लगा कि मुकदमे की सुनवाई पूर्वाग्रह से ग्रसित हो सकती है और यदि ट्रायल जारी रखा गया तो निष्पक्ष और तटस्थ न्यायिक कार्यवाही नहीं हो सकती।” न्यायालय ने कहा कि संबंधित पूर्व के निर्णय में स्पष्ट किया गया है कि चूंकि प्रथम रिपोर्ट या रिमांड रिपोर्ट कोर्ट को सुपुर्द की जानी होती है। इसलिए जांच को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता, अलबत्ता मुकदमे और अपील स्थानांतरित किये जा सकते हैं।
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