अंतरराष्ट्रीय बास्केटबाल खिलाड़ी रमन गुप्ता नहीं रहे

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published by saurabh

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अलवर,(वार्ता): एशियाई खेलों में दो बार भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके बास्केटबाल खिलाड़ी रमन गुप्ता (67) का आज ह्रदयाघात से निधन हो गया। राजस्थान में अलवर के श्री गुप्ता की सुबह करीब 10 बजे तबीयत खराब होने लगी, तो उनकी पत्नी उन्हें अपने बहनोई डॉक्टर सुनील रस्तोगी के शांतिकुंज स्थित अस्पताल अलवर नर्सिंग होम लेकर पहुंची जहां ह्रदयाघात हुआ और उनकी मौत हो गई। रमन गुप्ता बास्केटबॉल के उच्च स्तरीय खिलाड़ी रहे। उन्होंने कई बार अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने विद्यार्थी जीवन से ही उन्होंने बास्केटबॉल के निपुण खिलाड़ी के रूप में पहचान बनाई। उन्हें पहली बार वर्ष 1970 में राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप में राजस्थान टीम की ओर से खेलने का अवसर मिला। वह जूनियर राष्ट्रीय चैंपियन के सदस्य रहे।

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उन्हेंं वर्ष 1971 में एर्नाकुलम में आयोजित बास्केटबॉल प्रतियोगिता के लिए चुन गया। वर्ष 1972 में रमन गुप्ता को भारतीय जोन टीम का कप्तान बना कर मनीला भेजा गया। जहां उनकी कप्तानी में टीम ने उत्कृष्ट खेल-प्रदर्शन किया। उनके जीवन का उत्कर्ष काल उस समय आया जब उन्हें वर्ष 1974 और 1978 के एशियाड में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। इस दौरान श्री गुप्ता ने वर्ष 1975 एवं 1976 में बैंकॉक एवं पाकिस्तान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप में अपने खेल-कौशल के जलवे दिखाते हुए टीम को सफलता के मुकाम तक पहुंचाया। एशियाड खेलों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले रमन गुप्ता को खेल-जगत से भरपूर प्रशंसा, प्यार और शौहरत मिली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल कर उन्होंने भारतीय टीम को बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए पुरजोर मेहनत की और प्रतिद्वंद्वी टीम को अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवाया। बॉस्केटबॉल खेल जगत को अभी रमन गुप्ता से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन बाद में वह इस खेल से विमुख हो गये और ऑटोमोबाइल के व्यवसाय से जुड़ गए। उनके पिता नारायण दत्त गुप्ता अलवर शहर के प्रसिद्ध उद्यमी एवं साहित्यिक रुझान के व्यक्ति थे। रमन गुप्ता ने अपने पिता नारायण दत्त जी के कारोबार को संभाल कर तरक्की की नई राह दिखाई। अपनी व्यावसायिक व्यस्तताएं बढ़ जाने से रमन दिवंगत गुप्ता ने आठवें दशक के उत्तरार्ध में खेल से संन्यास ले लिया। उनसे प्रेरित होकर उनकी बहन ने डॉ. वीणा गुप्ता ने भी बास्केटबाल में नाम-यश अर्जित किया था। दिवंगत रमन गुप्ता विभिन्न बास्केटबॉल संघों के पदाधिकारी एवं मत्स्य स्पोर्ट्स एकेडमी के निदेशक रहे। वह विनायक चैरिटेबल सोसायटी के अध्यक्ष भी रहे। उन्हें बागवानी का भी शौक रहा। वह जयपुर रोड पर स्थित अपने फार्म हाउस शांति फलोद्यान में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देते रहे।

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