मिसब्रांड की दोषी फार्मा कंपनियों पर कसी जायेगी नकेल- डा0 रामपाल

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– अधोमानक स्तर की दबा बनाने वाली कंपनियों की विभाग में घुस पैठ पर सख्त हुए निदेशक डिजीज कन्ट्रोल एवं फार्म
– ब्राण्डेड दबाओं की खरीद पर विभाग करेगा फोकस

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एस.वी.सिंह उजागर 
लखनऊ। पशुपालन विभाग में अधोमानक स्तर की दबा स्पलाई की दोषी रही फार्मा कंपनियों की दोबारा विभाग में एंट्री से निदेशक डिजीज कन्ट्रोल एवं फार्म सख्ती बरतने के मूड में दिखाई दे रहे है। विभाग द्वारा ब्रांडिड दबा खरीदने और सब स्टैण्डर और मानक से घटिया माल सप्लाई करने वाली फर्मो पर नकेल कसने की तैयारी पर सचिव स्तर पर वार्ता कई चरणों में सम्पन्न हो चुकी है।

बताते चलें कि पूर्व निदेशक के कार्यकाल में कई प्रतिबंधित कम्पनियों ने विभाग में दोबारा एंट्री कर ली है जिन्हे अधोमानक स्तर यानि मिस ब्राण्डिंग की दबा सप्लाई के आरोप में प्रतिबंधित किया गया था। मौजूदा निदेशक ऐसी सभी कंपनियों की लिस्ट खंगाल रहे हैं कि आखिर किस नियमावली के तहत उन्हे विभाग में दोबारा एंट्री मिली।

सिन्धु टाइम्स में खबर के प्रकाशन के बाद विभाग आया हरकत में-

बीते 15 फरवरी को सिन्धु टाइम्स मे प्रकाशित समाचार शीर्षक ‘दागी फार्मा कंपनियों पर मेहरबान पशु पालन विभाग‘ के बाद नवनियुक्त निदेशक डिजीज एवं कन्ट्रोल डा0 रामपाल सिंह ने तत्परता दिखाते हुए उन सभी कंपनियों की डिटेल मांगी है जो विभाग में पहले किसी भी कारण से प्रतिबंधित की गयीं थी।

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ब्राण्डेड दबाओं की खरीद हेतु तैयार हो रहा ड्राप्ट-

डा0 रामपाल सिंह के अनुसार विभाग ब्राण्डेड और असरकारी दबाओं की खरीद हेतु एक ड्राप्ट तैयार किया जा रहा है जिसको लेकर प्रमुख सचिव स्तर पर कई चरणों में वार्ता हो चुकी है। सरकार और शासन के बीच जल्द ही इस मुद्दे पर सहमति बनने के आसार हैं। गौर तलब है कि मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ के पशु प्रेम के चलते यह अधिकारियों के लिए यह विभाग काफी महत्वपूर्ण बन चुका है, इस लिए इसमें चल रही खामियों को दुरूस्त करने के लिए वे ऐड़ी चोटी का जोर लगाये हुए हैं।

एक दर्जन कंपनियों पर लगा था प्रतिबंध-

बीते वर्षों में वेट इण्डिया लि. और पुष्कर फार्मा समेत लगभग एक दर्जन फार्मा कंपनियों पर विभाग में दबा सप्लाई करने पर प्रतिबंध लगाया गया था जिनमें से कुछ कंपनियां जोड़ तोड़ से पूर्व निदेशक के कार्यकाल में एंट्री पा चुकी हैं। जिनमें सेफकाॅन लाइफ साइंसेस, सिफलाॅन ड्रग एण्ड फार्माक्युटिकल लि. व वेट इण्डिया लि. का नाम शामिल है। सूत्रों की मानों तों इन कंपनियों के उत्पादों की गुणवत्ता पर मौजूदा निदेशक की  विशेष नजर रहेगी तथा प्रतिबंध के बाद किस नियम के तहत ये फार्मा कंपनिया विभाग में एंट्री करने में कामयाब रहीं इसकी जांच की जा रही है।

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