Published By Anant Bhushan
नयी दिल्ली केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम एवं देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम(एनटीपीसी) अपने संयत्रों को-फायरिंग के लिए बायोमास (पराली) पैलेट्स की खरीद करेगी और इसके लिए घरेलू प्रतिस्पर्धी निविदा (डीसीबी) पर निविदाएं आमंत्रित की गई है।
एनटीपीसी के अधिकारियों ने बताया कि फसल के अवशेषों को जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। एनटीपीसी ने वर्तमान वर्ष में अपने 17 विद्युत संयंत्रों में 50 लाख टन पैलेट्स की खपत होने का अनुमान लगाया है। इन संयंत्रों में एनटीपीसी कोरबा (छत्तीसगढ़), एनटीपीसी सीपत (छत्तीसगढ़),एनटीपीसी फरक्का (पश्चिम बंगाल), एनटीपीसी दादरी (उत्तर प्रदेश), एनटीपीसी कुड़गी (कर्नाटक) और एनटीपीसी रिहंद (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि एनटीपीसी ने बायोमास (पराली) को-फायरिंग का यह प्रयोग पहली बार 2017 में पायलट आधार पर एनटीपीसी दादरी प्लांट में किया था और इस दौरान कोयले की कुछ मात्रा के स्थान पर पैलेट बेस्ड ईंधन का उपयोग किया गया था। इस अनूठी पहल के सफल कार्यान्वयन के बाद एनटीपीसी ने अपने 17 अत्याधुनिक संयंत्रों में मॉडल को दोहराने की योजना बनाई है। इसके लिए एसआरएम पोर्टल पर ई-निविदा के माध्यम से निविदाएं प्रस्तुत की जा सकती हैं।
एनटीपीसी ने विश्वास व्यक्त किया है कि को-फायरिंग प्रोसेस के कारण बड़े पैमाने पर ग्रामीण रोजगार के अवसरों के साथ-साथ बायोमास (पराली) के लिए आपूर्ति श्रृंखला बनाने में मदद मिलेगी। निविदादाताओं को अपनी निविदा प्रस्तुत करने से पहले निविदा दस्तावेजों के प्रासंगिक प्रावधानों के बारे में एनटीपीसी को सूचित करना होगा।
एक अनुमान के अनुसार हर साल फसल अवशेषों का लगभग 145 मिलियन टन हिस्सा अप्रयुक्त रहता है और इसका अधिकांश हिस्सा खुले खेतों में जलाया जाता है, जिससे वायु प्रदूषण होता है और जिससे स्वास्थ्यगत समस्याएं भी सामने आती है।