published by saurabh
इसे भी देंखें–https://www.youtube.com/watch?v=aWEF1gA70OY&feature=emb_title
हमीरपुर,(ST News): उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में कोरोना संक्रमण के बचाव के लिये राष्ट्रीय आजीविका मिशन(एनआरएलएम) ने स्वयं सहायता समूहों से बनवाकर डेढ़ लाख मास्क ग्राम प्रधानो के माध्यम से वितरित तो कराये,लेकिन गांव के लोग इनका मास्क प्रयोग नहीं कर रहे है,जिससे संक्रमण बढ़ रहा है। एनआरएलएम के जिला प्रबंधक कमलेश कटियार ने बताया कि सरकार ने विभाग से संचालित महिला स्वयं सहायता समूहो द्वारा मास्क बनाकर गांवो में वितरित तो किए लेकिन लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मनरेगा में मजदूर भी इस लिए मास्क लगाकर काम करते है क्योंकि उन्हें बगैर मास्क के काम की अनुमति नहीं है।
यह भी पढ़ें–https://sindhutimes.in/malaika-told-fans-wear-mask/
सरकार ने एक मास्क की कीमत तेरह रुपये साठ पैसे निर्धारित की थी, जो ग्राम प्रधान के माध्यम से तेहरवे वित्त आयोग से खर्च की जानी थी । यही नहीं शासन ने 35 हजार मास्क बनाकर दस रुपये में दो पीस बेचने के आदेश कर दिये थे ।वह भी कुछ कुछ कई गांव में वितरित करा दिये गये थे। उन्होंने बताया कि दो माह पहले शासन ने 11 हजार 35 मीटर खादी का कपड़ा विभाग को आवंटन किया था, जिसमें 72 हजार मास्क बने थे और प्रधानों के माध्यम से गांव में वितरित करने के लिए भिजवा दिये गये थे। गांवो में ग्रामीण मास्क को लेकर गंभीर नहीं हैं। ग्राम प्रधान लोगो को मास्क लगाने के प्रेरित तो करते है,लेकिन इस का असर नहीं हो रहा है और इसी कारण ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। सुमेरपुर ब्लाक के भौरा गांव केे प्रधान सूबेदार का कहना है कि उन्होनें मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों को मास्क बाटे है लेकिन श्रमिक मास्क पहनकर नहीं आते है, जिससे वह खुद परेशान है। गाैरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अचानक कोरोना संक्रमण बढ़ने का एक कारण मास्क नहीं लगाना भी एक है।
कृषि से संबन्धित समाचारों के लिए लागइन करें– http://ratnashikhatimes.com/