भारत और अमेरिका स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग पर विचार कर रहे

राष्ट्रीय

नयी दिल्ली। भारत और अमेरिका स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं जिससे भविष्य की चुनौतियों से मदद मिल सके और वैज्ञानिक खोजों तथा आपदाओं से निपटने को अनुभव साझा किया जा सके। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने साेमवार हो यहां ‘भारत- अमेरिका स्वास्थ्य संवाद वार्ता 2021’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों पक्षों के बीच आपसी एकजुटता का उल्लेख करते हुये कहा कि इस मामले में दोनों देशों ने एक-दूसरे का भरपूर सहयोग किया।
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ने अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया है तथा दवाओं, इलाज और टीके के विकास के क्षेत्र में विशेष सहयोग किया गया है। भारतीय टीका कंपनियां कोविड-19 टीका के विकास के लिये अमेरिका की एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही हैं। डॉ. पवार ने मानसिक स्वास्थ्य पर 2020 में हुये समझौते का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिली है।
उन्होंने कहा कि भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा मंत्रालय के बीच एक और समझौते को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसमें स्वास्थ्य सुरक्षा और संरक्षा, संचारी और गैर-संचारी रोगों, स्वास्थ्य प्रणालियों और स्वास्थ्य नीति जैसे बड़े विषयों को शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि संक्रामक रोगों को रोकने और नियंत्रण करने संबंधी उभरते क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके तहत सही और प्रामाणिक वैज्ञानिक तरीके से काम करना तथा दोनों देशों के बीच सहयोग को शामिल किया गया है, ताकि वैज्ञानिक खोजों को बढ़ावा मिले एवं वैश्विक स्वास्थ्य आपदाओं से निपटा जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि इस उद्देश्य को पूरा करने के लिये सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को मिलकर काम करना होगा तथा नवाचार के जरिये मिलकर स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत बनाना होगा, ताकि सबको वह उपलब्ध हो सके तथा गैर-बराबरी समाप्त हो।
इस आयोजन की मेजबानी भारत कर रहा है। संवाद में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के वैश्विक मामलों के विभाग की निदेशक सुश्री लॉयस पेस ने की। प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्रालय के वैश्विक मामलों के विभाग की एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र की निदेशक सुश्री मिशेल मैक्कॉनल, डॉ. मिचेल वूल्फ और सुश्री डायना एम. बेनसिल शामिल थीं।
भारत की तरफ से स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव डॉ. रेणु स्वरूप, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक और स्वास्थ्य अनुसंधान सचिव डॉ. बलराम भार्गव और मंत्रालय के अन्य आला अधिकारियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।