सीतापुर। लखीमपुर खीरी में हिंसा के शिकार किसानो से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और उनके समर्थकों को पुलिस हिरासत में ले लिया गया। श्रीमती वाड्रा को द्वितीय वाहिनी पीएसी शिविर में रखा गया है जबकि शिविर के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे है।
इससे पहले मध्य रात्रि को लखनऊ से लखीमपुर के लिये कांग्रेस महासचिव को रोकने के लिये खैराबाद टोल पर प्लाजा पर भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया था। हिंसाग्रस्त जिले में जाने से रोकने के लिये कांग्रेस महासचिव ने मौजूद पुलिस अधिकारियों से वजह पूछी और उत्तर नहीं मिलने पर उनकी पुलिस के साथ जमकर नोकझोंक हुयी। काफी गुस्से में नजर आ रही श्रीमती वाड्रा ने पुलिस अधिकारियों को ललकारते हुये कहा कि वह महिला से डरते है और इसीलिये उनका रास्ता रोका जा रहा है।
इस बीच उनके एक समर्थक ने कांग्रेस महासचिव के साथ हाथापाई का आरोप लगाया जिससे भड़के अफसरों ने समर्थक को पुलिस वाहन में डालने की कोशिश की मगर कांग्रेसी नेता के दखल के बाद वे पीछे हट गये। प्रियंका ने मीडिया से कहा, “मैं पीड़ितों के परिवारों से मिलने जा रही थी। मैं मृतक परिवारों को शांत करने जा रही हूं। मैं पीड़ितों का दर्द साझा करने जा रही हूं। जो हुआ उससे पता चलता है कि सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है। उन्हें खत्म करने के लिए राजनीति की जा रही है।”
पीएसी शिविर के बाहर डटे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि तानाशाह योगी सरकार के रवैये का गवाह इससे पहले निघासन की घटना बनी थी जिसे पूरे देश ने देखा था। पीड़ित किसानों के आंसू पोछने जा रही कांग्रेस महासचिव को रोकना लोकतंत्र की धज्जियां उडाने के समान है।