नयी दिल्ली। दिल्ली में डेंगू की वजह से लगातार बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति ने उप राज्यपाल अनिल बैजल से इस मामले में हस्तक्षेप करने और स्वास्थ्य प्रणाली को दुरूस्त करने की मांग की है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि राजधानी में डेंगू से बिगड़ती स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यमुनापार के सबसे बड़े अस्पताल और यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज में भी डेंगू से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं और वहां से मरीजों काे स्वामी दयानंद अस्पताल भेजा जा रहा है। अस्पताल में बिस्तर खाली नहीं हैं और एक एक बिस्तर पर दो दो मरीजों को लिटाया जा रहा है।
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि डेंगू से होने वाली मौतों के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं और आम आदमी को इलाज मिलना तो मुश्किल है चिकित्सकोें की मौत इस साधारण समझी जाने वाली बीमारी से हो रही है। रविवार को लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज में सजरी रेजिडेंट डा़ ईशान भगत की मौत हो गई है । वह मात्र 23 वर्ष के थे और अगर समय रहते उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल जाती तो इस होनहार चिकित्सक की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल का डेंगू से निपटने का अभियान‘ दस हफ़्ते, दस बजे, दस मिनट’ फुस्स साबित हो गया हैं और ना ही उन्होंने इससे निपटने की कोई रणनीति बनाई हैै और ना ही दिल्ली के इलाकों में फॉगिग अभियान चलाया है जिसकी वजह से यह हालत हो गई है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के वरिष्ठ प्रवक्ता डा़ नरेश कुमार ने कहा कि राजधानी में इससे पहले अप्रैल मई में कोराेना का कहर लोगों पर बरपा था और अगर उस समय दिल्ली सरकार की पहले से ही तैयारी होती ताे कोरोना से हालात उतने बदतर नहीं हुए होते लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपनी नाकामियों को दूसरे के सिर पर डालने की आदत रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले पांच वर्षों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई कार्य नहीं किया है और सिर्फ अपने प्रचार में लगे हुए हैं उन्हें लोगों की जानमाल की कोई फिक्र नहीं है । वह इस समय भी उत्तराखंड़ में चुनाव प्रचार में मस्त हैं और लोगों को झांसा दे रहे हैं कि वहां आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर बुजुर्गों को फ्री में तीर्थ यात्रा कराएंगे।
इसी तरह के वादे उन्होंने दिल्ली की जनता से भी किए हैें लेकिन लोगों की जान बचानी ज्यादा जरूरी है क्योंकि जान है तो जहान है और अगर जिंदा बचे रहे तो लोग सभी धामों की यात्रा कर सकते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री को राजधानी में लगातार डेंगू से भयावह होती स्थिति की कोई फिक्र नहीं है, वह गोवा , पंजाब और अन्य राज्यों में जाकर लोगों को बरगला रहे हैं। डा़ कुमार ने कहा कि श्री केजरीवाल ने अभी भी राजधानी में डेंगू को लेकर कोई व्यापक रणनीति तैयार नहीं की है और न ही चिकित्सकों से मिलकर डेंगू से निपटने पर चर्चा की है क्योंकि वह तो उत्तराखंड और अन्य राज्यों में जाकर आटो रिक्शा वालों से मिलकर अपनी सरकार बनाने के लिए चर्चा में व्यस्त हैं।