आगरा: दो ब्रह्माकुमारी बहनों ने आत्महत्या का प्रयास किया, सुसाइड नोट में लिखा- योगी जी, हमें आसाराम की तरह जीवन भर जेल में बंद रखें |

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आगरा, उत्तर प्रदेश में, एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। ब्रह्माकुमारी आश्रम में रहने वाली दो सगी बहनों ने आत्महत्या कर दी है। मरने वाली बहनें भी सुसाइड नोट छोड़ गई हैं, जिसमें आश्रम के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

उत्तर प्रदेश के आगरा में रहने वाली दो सगी बहनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। घटना आगरा के जगनेर में हुई है। दोनों ने आत्महत्या करने से पहले तीन पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उन्होंने संस्था के चार लोगों को अपनी हत्या का दोषी ठहराया है। सुसाइड नोट में दोनों बहनों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आरोपियों को आसाराम की तरह उम्रकैद की सजा देने की मांग की है। उनका लेख है, ‘योगी जी इन आरोपियों को आसाराम बापू की तरह उम्रकैद की सजा दिलाना.’

मृतक बहनों ने सुसाइड नोट में चारों आरोपियों पर धन हड़पने और गैरकानूनी कार्यों में शामिल होने के भी आरोप लगाए हैं। एसीपी खैरागढ़ ने बताया कि दो में से चार आरोपी आगरा से बाहर के हैं। दो लोगों की गिरफ्तारी के लिए वहाँ पुलिस टीमें भेजी गई हैं।

8 साल पहले ब्रह्माकुमारी दीक्षा ली थी 

पुलिस ने बताया कि एकता और शिखा ने आठ वर्ष पहले ब्रह्माकुमारी की दीक्षा ली थी। दोनों ने दीक्षा के बाद जगनेर में रहने के लिए एक ब्रह्माकुमारी केंद्र बनाया। मृत बहनों में से शिखा (32) और एकता (38) ने एक पेज का सुसाइड नोट लिखा है। सुसाइड में शिखा ने कहा कि दोनों बहनों पिछले एक साल से परेशान हैं। सुसाइड नोट में उन्होंने आश्रम के नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर के आश्रम में रहने वाली एक महिला को अपनी मौत का दोषी ठहराया है।

सुसाइड नोट में धोखा देने वाली बातें

नीरज ने केंद्र में रहने का आश्वासन दिया था, एकता ने सुसाइड नोट में लिखा। लेकिन केंद्र बनने के बाद वह बोलने लगा। हम बहनें एक साल तक रोती रहीं, लेकिन वह नहीं सुनता था। ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला और ताराचंद नामक व्यक्ति ने भी उसका साथ दिया। 15 साल तक एक साथ रहने के बाद भी वह ग्वालियर की एक महिला से शादी करता रहा। चारों ने गद्दारी की है।

वो दबंग, उनका कोई कुछ नहीं कर सकता’

मृत्युपत्र में दोनों बहनों ने कहा, “हमारे पिता ने प्लॉट के लिए 7 लाख रुपए आश्रम से जुड़े व्यक्तियों को दिए थे।” जो आरोपियों ने कब्जा कर लिया था। वे लोग पैसे हड़पते हैं, महिलाओं के साथ अनैतिक व्यवहार करते हैं और दबंगई दिखाते हुए कहते हैं कि कोई उनकी मदद नहीं कर सकता।दोनों बहनों ने अपने सुसाइड नोट में कहा कि आरोपियों ने बहुतों के साथ गलत किया है। किसी से पैसे लिए और उसी पर मुकदमा चलाया। सुसाइड नोट में एकता ने कहा कि मुन्नी बहन और मृत्युंजय भाई को उनके सुसाइड नोट भेजे जाएंगे।

सुसाइड नोट में लिखा- हमारे साथ गद्दारी हुई

मृत्युपत्र में आगे कहा गया है, “कई बहनें आत्महत्या कर लेती हैं और यह लोग (आरोपी) छिपा लेते हैं।” हम दोनों बहनों ने गलत काम किया है।   पापी नीरज सिंघल माउंट आबू में एक नवीन कंपनी में काम करता है। ग्वालियर के मोती झील में रहने वाले पूनम के पिता ताराचंद और उसकी बहन का ससुर गुड्डन। वह झूठ बोलता रहा और हमारे साथ 15 साल से रह रहा था। हमने कोई गलत काम नहीं किया। केंद्र बनाने में सारा धन हमारा है। हमेशा कहा जाता था कि चिंता मत करो; मैं सब देख लूंगा। मेरे पिता ताराचंद एक वकील हैं, इसलिए मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। वह कुछ भी नहीं होने देगा।

‘आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए’

“हमारे साथ कोई नहीं है, हम अकेले पड़ गए हैं,” खुदकुशी से पहले लिखे गए पत्र में कहा गया है। इसलिए ऐसा करना आवश्यक है। एन सिंह और मेरे प्यारे भाई सोनवीर से विनती है कि वे इस मामले को आप दोनों बहनों की ओर से लड़ेंगे। आप चाहे जितना खर्च करें, हमारे सगे भाई से ज्यादा हो। वह बहनों की राखी है। इन चारों हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। सबूत आश्रम में रखे गए हैं। हमें गलत मत समझो। हमें धोखा मिला। आरोपी 25 लाख रुपये हमारे पास है। 7 लाख रुपये का प्लॉट जो मेरे पिता को मिल गया था, उसे बेच दिया गया था।