published by saurabh
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लखनऊ(ST News): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के नियंत्रण के सम्बन्ध में की जा रही कार्यवाही को और बेहतर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी की कमेटी गठित करते हुए कार्ययोजना तैयार करने को कहा है । कमेटी को पर्याप्त वित्तीय अधिकार भी होंगे । मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आगामी शुक्रवार को वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी गौतमबुद्धनगर-बुलन्दशहर, हापुड़-गाजियाबाद, मेरठ-मुजफ्फरनगर तथा शामली-सहारनपुर का भ्रमण कर इन जिलों की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करेंगे। इस अवसर पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त तथा अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने मुरादाबाद एवं बरेली मण्डल तथा अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा और अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज ने अलीगढ़ तथा आगरा मण्डल की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के निष्कर्षों से मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से मेडिकल स्क्रीनिंग करने वाली टीम को मास्क, ग्लव्स तथा सेनिटाइजर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए।
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मेडिकल स्क्रीनिंग में कोविड-19 की दृष्टि से संदिग्ध पाए गए लोगों की रैपिड एन्टीजन टेस्ट के माध्यम से टेस्टिंग की जाए। इसके दृष्टिगत प्रदेश में पर्याप्त संख्या में रैपिड एन्टीजन टेस्ट किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित विभिन्न एम्बुलेंस सेवाओं को और सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन सुविधा को सुदृढ़ किया जाए। इस सम्बन्ध में ई-संजीवनी आनलाॅइन ओपीडी सेवा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद घर से ही चिकित्सीय परामर्श प्राप्त कर सकें । उन्होंने प्रवर्तन ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों को मास्क, ग्लव्स तथा सेनिटाइजर अवश्य उपलब्ध कराए जाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के पैकेज में प्रदेश के एमएसएमई सेक्टर के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का ऋण प्राविधानित किया गया है। उन्होंने इस सम्बन्ध में की जा रही कार्यवाही को और तेज किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर संचालित जिला सेवायोजन कार्यालय अपना पोर्टल बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से होने वाली जनहानि को तकनीक की मदद से रोका जा सकता है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने ‘इण्टीग्रेटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम’ लाॅन्च किया है। इस ‘इन्टीग्रेटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम’ से खराब मौसम तथा आकाशीय बिजली से आमजन का बचाव करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
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