published by saurabh
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नयी दिल्ली(वार्ता): देश में इस वक्त कोरोना वायरस कोविड-19 के तीन वैक्सीन मानव परीक्षण के अलग-अलग चरण हैं, जबकि तीन अन्य वैक्सीन प्री – क्लीनिकल चरण में हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मंगलवार को आयोजित केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय के संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में इस वक्त तीन कोरोना वैक्सीन मानव परीक्षण के अलग-अलग चरण में हैं। उन्होंने बताया कि पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित की जाने वाले वैक्सीन मानव परीक्षण के दूसरे और तीसरे चरण में है। इसमें 1700 मरीजों पर परीक्षण किया जाना है। यह वैक्सीन ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित है और सीरम इंस्टीट्यूट को इसे निर्मित करने और भंडारण करने की अनुमति मिली हुई है।
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डॉ भार्गव ने बताया कि दूसरी वैक्सीन बायोटेक कंपनी भारत बायोटेक की है , जो पहले चरण का मानव परीक्षण कर चुकी है। पहले चरण में 375 व्यक्तियों पर वैक्सीन का परीक्षण किया गया है। भारत बायोटेक दूसरे चरण का मानव परीक्षण करने वाली है। तीसरी वैक्सीन दवा कंपनी जाइडस कैडिला की है और इसने भी पहले चरण का मानव परीक्षण पूरा कर लिया है। उसने पहले चरण में 45 से 50 लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण किया है। यह भी दूसरे चरण का मानव परीक्षण करने वाली है। उन्होंने कहा कि परीक्षण के अलग-अलग चरण को समझना जरूरी है। इसके तहत पहले वालंटियर को वैक्सीन की एक खुराक दी जाती है और दूसरी खुराक 14 या 28 दिन बाद दी जाती है। उसके बाद कम से कम दो या चार हफ्ते के बाद उनके रक्त में एंटीबॉडी की जांच की जाती है कि वे पैदा हुए है या नहीं।
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