किसानों के प्रदर्शन के बीच अमित शाह से मिले कैप्टन अमरिंदर, बोले- जल्द निकले समस्या का हल

न्यूज़ राष्ट्रीय

Published by Aprajita

यह भी पढ़े;https://sindhutimes.in/superstar-rajinikanth-said-that-he-will-announce-his-much-awaited-political-party-on-31-december/

नई दिल्ली,  नए कृषि कानूनों को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने केंद्र और प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की कि वे नए कृषि कानूनों पर गतिरोध का जल्द से जल्द हल निकालें। उन्होंने कहा  कि आंदोलन पंजाब की अर्थव्यवस्था और देश की सुरक्षा को प्रभावित कर रहा है। दोनों पक्षों को मामले में अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए।  उन्होंने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री से इस मुद्दे का जल्द समाधान खोजने का आग्रह किया।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह आंदोलनकारी किसानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थता करने की कोशिश कर रहे हैं? कैप्टन ने कहा,  ‘दोनों पक्षों के बीच चर्चा चल रही है। मेरे पास हल करने के लिए कुछ भी नहीं है। मैंने गृह मंत्री के साथ अपनी बैठक में अपना विरोध दोहराया और उनसे इस मुद्दे को हल करने का अनुरोध किया क्योंकि यह मेरे राज्य की अर्थव्यवस्था और राष्ट्र की सुरक्षा को प्रभावित करता है।

बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी किसानों के विरोध का समर्थन कर रही है और राज्य विधानसभा में केंद्र के कृषि कानून को नजरअंदाज करने के उद्देश्य से कई विधेयक पारित किया है। उन्होंने कहा था कि वह और उनकी सरकार सामूहिक हित में केंद्र और किसानों के बीच बातचीत में मध्यस्थता करने को तैयार हैं।प्रदर्शन कर रहे अधिकतर किसान पंजाब से हैं। पिछले एक हफ्ते से दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं।किसान कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच मंगलवार को हुई एक बैठक बेनतीजा रही। किसान यूनियनों का कहना है कि नए कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समाप्त हो जाएगा, लेकिन सरकार का कहना है कि यह व्यवस्था जारी रहेगी और कानून किसानों को अपनी फसल बेचने के अधिक विकल्प देगा।नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र के बीच अब तक तीन दौर की वार्ता हो चुकी है। किसी का भी नतीजा नहीं निकला है। ऐसे में आज होने वाली चौथे दौरे की बैठक पर सभी नजरें टिकी हुई हैं। मंगलवार को वार्ता के दौरान सरकार की ओर से संयुक्त समिति के गठन के प्रस्ताव को किसान नेताओं ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वार्ता का कोई नतीजा आने तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। इस दौरान किसान संगठनों और सरकार के बीच करीब चार घंटे तक बातचीत हुई।

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *