published by saurabh
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नयी दिल्ली(वार्ता): मेडिकल उपकरण निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते केंद्रीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अब तक कुल 382 कोरोना टेस्ट किट को मान्यता प्रदान की है, जिसमें से 249 स्वदेश निर्मित हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि कोरोना टेस्ट के लिए अब तक अलग-अलग तरह के 726 टेस्ट किट मूल्यांकन किया गया, जिनमें से 382 को मान्यता प्रदान की गयी । इन मान्यता प्राप्त 382 टेस्ट किट में से 249 स्वदेश निर्मित हैं। उन्होंने बताया कि स्वदेश निर्मित टेस्ट किट के कारण इनकी लागत काफी कम हुई है जिससे इनकी खरीद बढ़ी है। टेस्ट किट के कम दाम के कारण अधिकाधिक संख्या में इन्हें खरीदा गया , जिससे कोरोना टेस्ट की जांच गति बढ़ी।
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डॉ भार्गव ने बताया कि आईसीएमआर ने कुल 171 वायरल ट्रांसपोर्ट मिडियम (वीटीएम) किट का मूल्यांकन किया , जिनमें से 139 को मान्यता दी गयी। मान्यताप्राप्त 139 वीटीएम किट में से 119 स्वदेश निर्मित हैं। आईसीएमआर ने 186 आरएनए एक्स्ट्रैक्शन किट का मूल्यांकन किया जिनमें से 112 को मान्यता मिली। इन 112 मान्यता प्राप्त आरएनए एक्स्ट्रैक्शन किट में से 62 स्वदेश निर्मित हैं। मूल्यांकन किये गये 104 रैपिड एंटीबॉडी किट में से 12 को मान्यता दी गयी जिनमें से 11 स्वदेश निर्मित हैं। इसी तरह मूल्यांकन किये गये 17 रैपिड एंटीजेन किट में से तीन को मान्यता प्रदानकी गयरी जिनमें से एक स्वदेश निर्मित है। मूल्यांकन किये गये 36 एलाइजा किट में से 12 को मान्यता दी गयी , जिनमें से 10 स्वदेश निर्मित हैं। आईसीएमआर ने 212 आरटी-पीसीआर टेस्ट किट का मूल्यांकन किया, जिनमें से 104 को मान्यता दी गयी। इन मान्य प्राप्त टेस्ट किट में से 46 स्वदेश निर्मित हैं।
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