हैपेटाइटिस उन्मूलन के लिए जन आंदोलन बनाना सांसदों का कर्तव्य : बिरला

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published by saurabh

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नयी दिल्ली (वार्ता): लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विश्व हैपेटाइटिस दिवस के अवसर पर मंगलवार को कहा कि हेपैटाइटिस एक बहुत ही गंभीर चुनौती है जिसे केवल सामूहिक प्रयास से ही दूर किया जा सकता है और इसके लिए जन प्रतिनिधियों खासकर संसद सदस्यों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। श्री बिरला ने संसद भवन में यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज) एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) द्वारा आयोजित ‘एम्पैथी कॉन्क्लेव 2020’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस वर्ष के आयोजन का विषय था ‘कोविड 19 के समय में अपने यकृत को सुरक्षित रखें।’ इस कार्यक्रम में संसद सदस्यों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन में शामिल हुए। लोकसभा अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन संसद भवन में स्पीकर के चैंबर से कार्यक्रम में शामिल हुए। केंद्रीय कानून एवं न्याय, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए। श्री बिरला ने कहा कि कोविड-19 के इस कठिन समय में, सरकार ने इस बीमारी के प्रभाव को कम करने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं और इनके परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोविड 19 की वैक्सीन जल्द ही तैयार हो जाएगी। उन्हें कहा “ मुझे भारतीय लोगों की शक्ति पर बहुत भरोसा है और जीत की राह कठिन हो सकती है लेकिन असंभव कभी नहीं।” उन्होंने लोगों में यकृत रोग के विषय में जागरूकता फैलाने के लिए जन प्रतिनिधियों की विशेष उत्तरदायित्व को भी रेखांकित किया।

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उन्होंने कहा कि हेैपेटाइटिस एक बहुत ही गंभीर चुनौती है जिसे केवल सामूहिक प्रयास से ही दूर किया जा सकता है और इसके लिए जनप्रतिनिधियों खासकर संसद सदस्यों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इस विषय पर चर्चा करते हुए श्री बिरला ने कहा कि कोविड-19 के कठिन समय में यकृत की देखभाल और सुरक्षा महत्वपूर्ण है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महामारी के विरुद्ध लड़ाई को जन आंदोलन बनाना है। लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी उल्लेख किया कि इस बीमारी के उन्मूलन के लिए वर्ष 2030 निर्धारित किया गया है तथा आशा है कि भारत इस महत्वपूर्ण उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम रहेगा। श्री बिरला ने हैपेटाइटिस बी और सी के विरुद्ध लड़ाई में इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज की भूमिका की सराहना की और संस्थान के निदेशक डॉ एस.के. सरीन का भारत में यकृत रोग के उन्मूलन के प्रति उनके समर्पण के लिए उनका धन्यवाद् दिया। इस अवसर पर डॉ .हर्षवर्धन ने श्री बिरला को हैपेटाइटिस उन्मूलन के लिए मंच प्रदान करने और इस कार्य के लिए अपना सम्पूर्ण समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए 15000 करोड़ के स्वास्थ्य पैकेज की घोषणा की है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्वास्थ्य वित्तपोषण से संबंधित एक विशेष अध्याय को शामिल करने पर सहमति व्यक्त की है।

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