published by saurabh
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कानपुर,(ST News): उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात को पुलिस और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गैंग के बीच हुई मुठभेड़ में मारे गए आठ पुलिसकर्मियों और इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से एक जांच समिति का गठन किया गया है। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित जांच समित मंगलवार को कानपुर के सर्किट हाउस पहुंची। आयोग के सदस्यों ने जांच पड़ताल भी शुरू कर दी है। न्यायालय के आदेश पर गठित आयोग की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस बीएस चौहान के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल और पूर्व डीजीपी के एल गुप्ता कानपुर के सर्किट हाउस पहुंचे। जहां सर्किट हाउस में पहले से मौजूद आईजी मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी और एसएससी डॉ.प्रीतिंदर सिंह ने आयोग के सदस्यों को घटना की संपूर्ण जानकारी दी और उसके बाद आयोग के सदस्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ घटनास्थल बिकरू गांव पहुंच गए। घटना की जांच पड़ताल शुरू की।
इस दौरान आयोग के सदस्यों ने ग्रामीणों से भी बातचीत करी।
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गौरतलब है कि बिकरू कांड को अंजाम देने वाले अपराधी विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था लेकिन वही उसके एनकाउंटर को लेकर सवाल भी खड़े होने लगे थे जिसके बाद उच्चतम न्यायालय में संज्ञान लेते हुए आयोग का गठन किया था। हर जांच के आदेश देते हुए कहा था की आयोग घटनास्थल का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। गौरतलब है कि दो जुलाई की रात को बिकरू गांव में विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची पुलिस की टीम पर घात लगाकर बैठे बदमाशों ने हमला कर दिया था। जिसमें सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। यूपी एसटीएफ ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए विकास दुबे सहित उसके पांच साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया था। अभी तक पुलिस इस मामले में 15 से अधिक लोगों को जेल भेज चुकी है। विकास के एक साथी ने सरेंडर भी किया है। वहीं इस घटना में शामिल कई बदमाश अभी तक फरार चल रहे हैं। जिन्हें ढूंढने के लिए यूपी एसटीएफ की कई टीमें लगी हुई हैं।
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