published by saurabh
इसे भी देंखें–https://www.youtube.com/watch?v=aWEF1gA70OY&feature=emb_title
बहराइच, (sindhu times news): उत्तर प्रदेश का बहराइच जिला प्रशासन नदियों के जलस्तर के अलावा तटबंधों में होने वाले दरारों और रिसाव पर नज़र रखने के लिए ड्रोन कैमरों की मदद ले रहा है।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता (बाढ़) शोभित कुशवाहा ने रविवार को यहाँ बताया कि नदियों में जलस्तर के उतार-चढ़ाव, पानी के बहाव की रफ़्तार, तटबंधों में रिसाव, टूट-फूट और तटबंधों पर दबाव का पता लगाने के लिए ड्रोन कैमरों की मदद ली जा रही है। साथ ही विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें दिन-रात गश्त कर रही हैं। नियंत्रण कक्ष से 24 घंटे निगरानी की जा रही है।
उन्होने बताया कि जिले में शारदा बैराज, गिरजापुरी बैराज और सरयू बैराज के फाटक पानी का दबाव बढ़ने पर खोलने पड़ते हैं जिससे नदियों में तेज रफ़्तार के साथ लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है। इससे नदियों का जलस्तर बढ़ता है जिसके कारण बाढ़ की स्थिति बन जाती है। उन्होंने बताया कि जलस्तर बढ़ने से नुकसान होता ही है लेकिन अगस्त और सितंबर महीनों में जलस्तर घटने पर कटान से भी नुकसान होता है।
यह भी पढ़ें –https://sindhutimes.in/naydus-message-to-people-of-country/
अधिशासी अभियंता (बाढ़) ने जानकारी दी कि वर्ष 1955-56 में 95 किलोमीटर लंबा बेलहा-बेहरौली तटबंध और वर्ष 1982-83 में 15.5 किलोमीटर लंबा रेवली आदमपुर तटबंध बनाया गया था। उन्होंने बताया कि बाढ़ और कटान से बचाव के मद्देनज़र 110.5 किलोमीटर लंबे तटबंधों की काफी अहम भूमिका है।
जिलाधिकारी शंभू कुमार ने कहा कि बेलहा-बेहरौली तटबंध, रेवली-आदमपुर तटबंध और जलस्तर पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। इससे तटबंधों की सुरक्षा बेहतर हो सकेगी।
कृषि से संबन्धित समाचारों के लिए लागइन करें-http://ratnashikhatimes.com/