Ajit singh caseराजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में हुई हत्या, चार दिन बाद होनी थी गवाही

अपराध इमेज गैलरी उत्तर प्रदेश लखनऊ न्यूज़

Published by Aprajita

लखनऊ; ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह की हत्या राजनैतिक वर्चस्व और दबंगई को लेकर हुई है। आगामी पंचायत चुनाव और एमएलसी चुनाव से भी इस गैंगवार को जोड़कर देखा जा रहा है। अजीत की हत्या के पीछे आजमगढ़ के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सीपू के हत्यारोपित धु्रव सिंह उर्फ कुंटू सिंह का हाथ बताया जा रहा है। आरोपित अभी आजमगढ़ जेल में बंद है। पूर्व विधायक हत्याकांड में अजीत की चार दिन बाद गवाही होनी थी।  अजीत कई साल पहले पूर्व विधायक सीपू के हत्यारोपित कुंटू सिंह का साथी था। दोनों साथ में ही काम करते थे। हालांकि बाद में दूरियां बढ़ गईं। कुंटू ने अजीत को पूर्व विधायक की हत्या करने के लिए कहा था। इस पर अजीत ने इंकार कर दिया था। इस बीच पूर्व विधायक की हत्या हो गई। इसके बाद अजीत पूर्व विधायक की हत्या में गवाह बन गया था। बताया जा रहा है कि हत्याकांड में अजीत गवाही न दे पाए, इसके लिए उसकी हत्या कराई गई है।

राजनीति के साथ शराब कारोबार में था सक्रिय

मऊ के ग्राम देवसीपुर निवासी राधेश्याम सिंह का बेटा अजीत हिस्ट्रीशीटर था। क्षेत्र पंचायत की राजनीति हो या शराब का व्यवसाय। इलाके में कोई भी उसके खिलाफ नहीं जाता था। वर्ष 2005 मे क्षेत्र पंचायत की राजनीति में पदार्पण किया था। वर्ष 2010 में इसने पत्नी रानू सिंह को ब्लाक प्रमुख बनवाया। प्रमुख सीट आरक्षित होने पर इसने अपने घरेलू कर्मचारी मनभावती राजभर को 2015 में मुहम्मदाबाद गोहना ब्लाक प्रमुख के पद पर निर्विरोध निर्वाचित कराया। तब से वह ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बनकर सारा काम संभाल रहा था। मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली में हत्या, लूट, छिनैती व मारपीट के दर्जन भर से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। अजीत पर वर्ष 2003 में राजकीय महाविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में विवाद के कारण पहली एफआइआर दर्ज हुई थी।

यूपी के टॉप टेन माफिया में शामिल हैं कुंटू सिंह

वर्ष 2013 में 19 जुलाई को सगड़ी के पूर्व विधायक सीपू सिंह की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कुंटू सिंह को यूपी पुलिस ने सूबे की टॉप टेन माफिया की सूची में शामिल किया है। इस मामले में पूर्व विधायक के भाई टीपू सिंह की गवाही चल रही है। ऐसे में अजीत की हत्या की भनक लगते ही पूर्व विधायक के परिवार के लोग सहम उठे। टीपू सिंह ने बताया कि अजीत ही मामले में मुख्य गवाह था। पूर्व विधायक के परिवार ने सुरक्षा की मांग की है। सीपू सिंह की पत्नी एवं सगड़ी विधानसभा क्षेत्र से बसपा की विधायक वंदना सिंह ने मुख्यमंत्री से सुरक्षा को लेकर मुलाकात करने की बात कही है।

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मुख्तार के करीबियों की सूची में था नाम

अजीत सिंह का नाम मुख्तार अंसारी के करीबियों की सूची में शामिल था। हाल में ही पुलिस की ओर से जारी की गई लिस्ट में भी अजीत का नाम दर्ज था। इस पूरी वारदात के पीछे कई सफेदपोशों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। माफिया के अलग-अलग गिरोह सक्रिय हो गए हैं। माना जा रहा है कि इस गैंगवार के बाद माफिया गिरोह का आमना-सामना हो सकता है।

एसटीएफ ने भी किया मुआयना

गैंगवार की जानकारी पाकर एसटीएफ की टीम ने भी घटना स्थल और लोहिया अस्पताल में जाकर पूरे प्रकरण की जानकारी ली। घायल मोहर सिंह व प्रकाश के बयान तथा सीसी फुटेज के आधार पर पुलिस बदमाशों की शिनाख्त का प्रयास कर रही है। पुलिस की एक टीम आजमगढ़ रवाना की गई है। कुछ लोगों का कहना है कि अजीत के जिलाबदर होने के बाद से हमलावर उसका पीछा कर रहे थे और रेकी के बाद वारदात को अंजाम दिया है। बदमाशों ने हमले में .32 और नाइन एमएम के कारतूस का इस्तेमाल किया था।

थाने में डीसीपी ने बुलाई थी बैठक

कठौता पुलिस चौकी के पास जिस समय गैंगवार हो रहा था, उस दौरान डीसीपी पूर्वी ने विभूतिखंड के पुलिसकर्मियों को मीटिंग के लिए बुलाया था। डीसीपी पुलिसकर्मियों के असलहे का परीक्षण करने वाले थे। डीसीपी ने मंगलवार को गोमतीनगर थाने में भी असलहे का परीक्षण किया था।

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