नई दिल्ली ; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये दिल्ली मेट्रो रेल निगम की ड्राइवरलेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो दुनिया की उन चुनिंदा सेवाओं में शामिल हो गई है, जहां पर ड्राइवर लेस मेट्रो का संचालन होता है।इसी के साथ देश में पहली बार मजेंटा लाइन पर बॉटेनिकल गार्डन से जनकपुरी पश्चिम के बीच बगैर चालक के मेट्रो रफ्तार भरने लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इसका शुभारंभ किया। बता दें कि बहुत कम देश हैं, जहां पर ड्राइवर मेट्रो चलती है। सोमवार से भारत में भी ऐसे देशों की सूची में शामिल हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश की पहली बिना ड्राइवर वाली मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के साथ नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड की भी शुरुआत की है।
मेट्रो के लाखों यात्रियों को यह भी मिलेगा तोहफा
पीएम मोदी ने नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) भी जारी किया है। इससे मेट्रो में सफर के एक नए युग की शुरुआत हो गई है। इस कार्ड के जरिये देशभर में कहीं भी सफर करने के दौरान खरीदारी भी कर सकते हैं।
यहां समझें ड्राइवरलेस मेट्रो की खासियत
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का कहना है कि चालक रहित मेट्रो ट्रेनें पूरी तरह स्वचालित होंगी, जिनमें मानवीय हस्तक्षेप की न्यूनतम आवश्यकता होगी। इससे मानवीय गलतियों के कारण परिचालन प्रभावित होने की आशंका समाप्त हो जाएगी।
ड्राइवर नहीं होगा तो कैसे होगा संचालन
ये ट्रेनें मेट्रो भवन में बने केंद्रीय कंट्रोल रूम से कमांड देकर संचालित की जाएंगी।
मई-जून तक पिंक लाइन पर होगी शुरुआत
मजेंटा लाइन के 37 किलोमीटर हिस्से पर चालक रहित मेट्रो का परिचालन शुरू होने के बाद अगले साल मई-जून तक पिंक लाइन (शिव विहार-मजलिस पार्क) पर भी यह मेट्रो चलेगी। पिंक लाइन करीब 57 किमी लंबी है।
मेट्रो ड्राइवर के नहीं होने से यात्रियों को क्या होगा फायदा
मौजूदा समय में इस कारिडोर पर 5 मिनट 12 सेकेंड के अंतराल पर मेट्रो का परिचालन होता है। चालक रहित मेट्रो के परिचालन का फायदा यह है कि यात्रियों का दबाव बढ़ने पर महज 90 सेकेंड के अंतराल पर मेट्रो का परिचालन हो सकेगा।
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