published by saurabh
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नयी दिल्ली, (Varta): उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि कोरोना महामारी के दौरान मानवीय संवेदनाओं और सद्भावना को बचाया जाना चाहिए।
श्री नायडू ने कहा कि अनादि काल से ही भारत सौहार्द और सहिष्णुता की भूमि रहा है। लोगों ने समय पड़ने पर आहत मानवता के प्रति करुणा और दया दिखाई है। साझा और देखभाल (शेयर एंड केयर)यही भारतीय संस्कारों का मूल आधार रहा है और लोग समाज में मैत्रीपूर्ण, शांतिपूर्ण सह अस्तित्व में यकीन रखते हैं।
उन्होंने कहा कि महामारी के समय में भी ऐसे कईं उदाहरण हैं जहां रिश्तेदार, पड़ोसी, यहां तक कि अपरिचित भी मुसीबत में फंसे लोगों की मदद के लिए आगे आए। ऐसे उदाहरण विशेष उल्लेखनीय है जिसमें लोगों ने इस संक्रमण के कारण मरे लोगों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया। लेकिन मीडिया में ऐसी भी खबरें आती रही हैं जब रिश्तेदारों सहित कुछ लोगों ने स्वयं संक्रमित हो जाने के भय से, संक्रमित व्यक्ति को अलग थलग कर दिया । ऐसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई जहां कोविड से संक्रमित मृत व्यक्ति का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार तक नहीं करने दिया गया। ये नितांत दुर्भाग्यपूर्ण है ।
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श्री नायडू ने कहा कि संभवत: लोगों को यह जानकारी नहीं कि मृत शरीर से संक्रमण नहीं फैल सकता, न ही उससे कोई अतिरिक्त खतरा हो सकता है। यह अज्ञान ही इस तरह के संदेह का मूल कारण है। यद्यपि यह भी आवश्यक है कि ऐसे मृतक के शरीर को स्पर्श करते समय तथा अंतिम संस्कार के लिए जरूरी पर्याप्त सावधानी और स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया ही जाना चाहिए।
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