published by saurabh
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नयी दिल्ली,(वार्ता): काेरोना महामारी से उपजे संकट को अवसर में बदलने के लिए सरकार ने आदिवासी समाज को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का बीड़ा उठाया है जिससे शहरों में रहने वाले लोगों को प्राकृतिक रुप से शुद्ध दैनिक उपभोग की वस्तुयें उपलब्ध हो सकेंगी और जनजातीय परिवारों की आदमनी में इजाफा होगा। सरकार ने बीते माह के दौरान ऐसे कई कदम उठायें है जिनसे न केवल शहरों में रहने वाले लोगों को आदिवासी समाज द्वारा निर्मित प्राकृतिक उत्पाद मिल सकेंगे बल्कि उन्हें आदिवासी समाज की जीवन शैली को समझने का मौका भी मिलेगा। काेरोना महामारी से बचाव के लिए व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को महत्वपूर्ण माना जा रहा है जो प्राकृतिक रुप से उत्पन्न उत्पादों से आसानी से प्राप्त की जा सकती है। सरकार की मुहिम के इन प्राकृतिक उत्पादों को शहरी उपभोक्ता तक पहुंचाना है।
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पिछले दिनों केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने देश के 31 शहरों में ‘ट्राइब्स इंडिया ऑन व्हील्स मोबाइल वैन’ की शुरुआत की। ट्राईफेड की ये मोबाइल वैन अहमदाबाद, इलाहाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, चेन्नई, कोयम्बटूर, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जगदलपुर, खुंटी, मुंबई और रांची जैसे कुछ शहरों में शुरु की गयी है। इस अवसर पर श्री मुंडा ने कहा कि संकट के इस दौर में कोरोना महामारी ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। लोग स्वस्थ और यथासंभव सुरक्षित रहने के तरीकों पर ध्यान दे रहे हैं। ट्राइफेड की यह नई पहल सुनिश्चित करती है कि किसी भी व्यक्ति को जैविक,आवश्यक और प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले उत्पादों को खरीदने और एक सतत तथा जीवन के पुष्टिकर तरीके अपनाने के लिए घर से बाहर निकलने की जरूरत न पड़े। मोबाइल वैन से ट्राइफेड इन वस्तुओं को विभिन्न इलाकों में ग्राहकों के पास सीधे ले जा रहा है और लोगों को छूट दी जा रही है। सारी बिक्री आय सीधे जनजातीय लोगों के पास जाएगी और इनकी आय आजीविका को बरकरार रखने में मदद मिलेगी।
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