published by saurabh
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नयी दिल्ली ,(वार्ता): केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने मंगलवार को इंडियन रेड क्रॉस साेसाइटी के राष्ट्रीय मुख्यालय में थैलेसीमिया जांच एवं परामर्श केंद्र का शुभारंभ किया।
डॉ़ हर्षवर्धन ने रेड क्रॉस सोसाइटी के मुख्यालय में थैलेसीमिया की जांच और परामर्श केंद्र शुरु किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की पहल से आम लोगों को इस बीमारी की रोकथाम के बारे में जानकारी देने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में करीब 27 करोड़ थैलेसीमिया मरीज हैं। भारत में थैलेसीमिया मेजर से ग्रसित बच्चों की संख्या सर्वाधिक करीब एक से डेढ़ लाख है और करीब 10 से 15 हजार थैलेसीमिया मेजर से पीड़ित बच्चों का जन्म यहां हर साल होता है।
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इन बच्चों की बीमारी के लिए बस बोन मैरो ट्रांस्प्लांट ही एकमात्र निदान होता है लेकिन बोन मैरो ट्रांस्प्लांट की सर्जरी मुश्किल होती है और सभी बच्चों के माता-पिता इसकी लागत का वहन करने में सक्षम नहीं होते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसी वजह से थैलेसीमिया मेजर पीड़ित बच्चों को बार-बार रक्त चढ़ाया जाता है, जिसके बाद आयरन ओवरलोड को हटाने के लिए नियमित आयरन केलेशन थेरेपी होती है। उन्होंने कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी के इस नयी पहल से थैलेसीमिया पीड़ितों को समुचित थेरेपी दी जा सकेगी ताकि वे बेहतर जिंदगी जी पायें और स्क्रीनिंग के जरिये थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के जन्म को रोका जा सकेगा। थैलेसीमिया एक वंशानुगत बीमारी है। भारत में थैलेसीमिया मेजर और थैलेसीमिया इंटरमीडिया के अधिक मामले हैं।
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