अगरतला। त्रिपुरा के ग्रामीण इलाकों में डेंगू के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी के बाद राज्य सरकार ने इसपर निगरानी बढ़ा दी है। डेंगू से निपटने के लिये स्वास्थ्य विभागों को अलर्ट जारी किया गया और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गयी है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अभी तक डेंगू के 255 मामलों का पता चला है। राज्य के आठ जिलों में से पांच जिलों को डेंगू प्रभावित घोषित किया गया है। उत्तरी त्रिपुरा के उनोकोटी जिले और दक्षिण त्रिपुरा के गोमती जिले में डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज सामने आये हैं। यहां कुल मामलों में से करीब 70 फीसदी मरीज पाये गये हैं।
राज्य निगरानी अधिकारी डॉ दीप कुमार देववर्मा ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों को डेंगू का परीक्षण करने के लिये प्राथमिक जांच किट दी गयी है। स्वास्थ्य कर्मी और अन्य लोगों द्वारा जमीनी स्तर पर जागरूकता फैलाया जा रहा है। साथ ही इसपर निगरानी भी रखी जा रही है। श्री देववर्मा ने कहा,“लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, डेंगू का फैलाव अभी भी जंगली इलाकों तक ही सीमित है। जो लोग डेंगू से प्रभावित हुये हैं उनमें रबर स्टेट के कुछ मजदूर हैं।
जहां मच्छरों का खतरा काफी ज्यादा है। स्थिति हालांकि अभी चिंताजनक नहीं है लेकिन लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि पिछले चार महीनों में सामने आये डेंगू के आंकड़ों में पता चला है कि अगस्त में करीब सात डेंगू के मरीज मिले हैं, सितंबर में 20, अक्टूबर में 58 और नवंबर में कल तक 161 मामले सामने आये हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक स्तर पर परीक्षण शुरू कर दिया है। डॉ. देववर्मा ने कहा कि मच्छरों से बचने के लिये लोगों को पूरी बाजू की कमीज और फुल पैंट पहनना चाहिये। सरकार डेंगू से निपटने के लिये हरसंभव कदम उठा रही है।