मिर्जापुर (संवाददाता )। उत्तर प्रदेश में विश्व प्रसिद्ध बिन्ध्याचल नवरात्रि मेला को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। कोरोना महामारी को लेकर जिला प्रशासन ने रात नौ बजे से सुबह छः बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है।
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यह आदेश बिन्ध्य धाम आने जाने वाले श्रध्दालुओं पर भी लागू रहेगा। नवरात्र मेला 13 अप्रैल मंगलवार से शुरू हो रहा है। मेले की तैयारियाँ चल रही हैं। दूसरी ओर कोरोना संक्रमण भी बढ़ता जा रहा है। प्रसिद्ध बिन्ध्य धाम में देश विदेश से आने वाले दर्शनार्थियों से संक्रमण का खतरा भी मंडरा रहा है। प्रदेश सरकार ने धार्मिक स्थलों के लिए नयी गाईड लाईन जारी की है ।
गाईड लाईन के मुताबिक मेला सम्पन्न करना एक चुनौती हो गयी है। जिला प्रशासन ने मेले की मुकम्मल व्यवस्था का दावा किया है। मेला को लेकर पंडा पुरोहित के दुकानदार साथ आम श्रध्दालुओं भी असमंजस की स्थिति में है। फिलहाल जिला प्रशासन ने मां बिन्ध्यवासिनी देवी के गर्भ गृह में चरण स्पर्श पर पूर्ण रूप प्रतिबंध लगा दिया है। मंदिर परिसर एवं गर्भगृह के आसपास एक साथ पांच से अधिक दर्शनार्थियों को इकट्ठा नहीं होने के निर्देश दिए गए हैं।
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मास्क लगा होने पर ही प्रवेश दिया जायेगा। पंडा पुरोहित सहित नाई आदि के ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को जोन और सेक्टर में बाट कर जोनल एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। पूरा मेला क्षेत्र सीसी कैमरे के जद में होगा। दुकानदारों को रेट लिस्ट लगाने के आदेश दिए गए हैं। वाहन स्टैंडो पर वाहनों के रेट लिस्ट के लगाना अनिवार्य किया गया है। ऐसा इसलिए है कि मनमाना रेट न लिया जा सके।
पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि मेला क्षेत्र में सिविल पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है। जल पुलिस, बम डिस्पोजल दस्ता एवं धुडसवार पुलिस यातायात पुलिस आदि लगाये गये हैं। इसके अलावा किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए टीम चौबीसों घंटे तैयार रहेगी।
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दरअसल कोरोना महामारी के संकट के मद्देनजर जिलाप्रशासन के निर्णय से बिन्ध्याचल में एक अलग माहौल है। मेले में लाखों श्रद्धालु चौबीस घंटे निर्वविध्न दर्शन पूजन करते रहे हैं। पर इस बार स्थिति अलग है। दर्शनार्थियों के लिए केवल सुबह छः बजे से रात नौ बजे तक ही सीमित कर दिया गया है। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार के अनुसार आपात सेवा को छोड़कर किसी को भी नियम गाइडलाइंस के विपरीत व्यवहार करने की इजाजत किसी को भी नहीं होगी। दर्शन के लिए सुबह छः बजे से रात नौ बजे तक ही प्रवेश दिया जायेगा। किसी भी स्थिति में मंदिर परिसर के पास भीड़ इकट्ठा नहीं होने दी जायेगी । भीड़ रोकने के लिए जगह जगह बैरियर लगायें गये हैं।