एक्शन मोड में आये निदेशक पशुपालन

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– निदेशालय में धूल फांक रही फाइलों पर ताबड़तोड़ काम शुरू
– तीन दिन से ज्यादा एक टेबल पर फाइल रूकने पर जतायी नाराजगी

एस.वी.सिंह उजागर
लखनऊ (सिन्धु टाइम्स)। निदेशक प्रशासन एव विकास डा. संतोष मलिक कार्यभार गृहण करते ही एक्शन मोड में आ गये है। महीनों से धूल फांक रही विभागीय फाइलें उनके टेबल पर आते ही निस्तारित होने लगी हैं।

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डॉ संतोष कुमार मालिक निदेशक पशुपालन प्रशासन एवं विकास

एक ओर उन्होने जनपदों में बैठे निष्क्रिय मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों के पेंच कसने शुरू कर दिए हैं तो दूसरी ओर सस्पेंडिड और निदेशालय से सम्बद्ध अधिकारियों के मामलों से संबन्धित फाइलों को निपटाने का काम भी शुरू कर दिया है। बताते चलें कि डा. संतोष मलिक ने 4 जनवरी को ही डा. राजीव गुप्ता को वापस मिर्जापुर का अपर निदेशक-2 बनाये जाने के बाद निदेशक प्रशासन एवं विकास का जार्ज संभाला है। निदेशालय के मुखिया के साथ-साथ डा. मलिक के पास आगरा और अलीगढ़ मण्डल का अतिरिक्त प्रभार भी है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  जिन गौवंशीय  और गोधन को लेकर अक्सर चर्चा में रहे हैं उसके संरक्षण और भरण पोषण की जिम्मेदारी इसी विभाग की है इस लिए शासन एवं सरकार को एक तेज तर्रार और एक्शन मोड में रहने वाले अधिकारी की तलाश थी। हलांकि इसी पद पर बीते 29 दिसम्बर को तैनाती पाने के बाबजूद डा. राजीव गुप्ता को महज एक साप्ताह के अन्दर बिदा कर दिया गया।

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इतनी आसान नही होगी डा. एस.के. मलिक की राह

विभागीय सूत्रों की माने तो निदेशक पशुपालन के पद पर नौकरी करना कांटो भरा काम है। मण्डल में योजनाओं का क्रियान्वयन और निदेशालय में बैठकर शासन और सरकार के साथ विभागीय जिम्मेदारियों में सामंजस व तालमेल बैठाने में काफी अन्तर है। विभाग की खाऊ कमाऊ नीति के काकश को तोड़ना और सरकार की आंख में बेदाग बने रहना काफी चुनौतीपूर्ण काम है। यहां जरा सी चूक किसी को भी बलि का बकरा बना देती है। पूर्व निदेशक डा. चरन सिंह यादव इसके जीते जागते उदाहरण हैं। निलंबित निदेशक रिटायरमेंट के बाबजूद भी अपने ऊपर लगे दाग धोने में अभी तक असफल रहे हैं।

कार्यों में लायेंगे पारदर्शिता- डा. संतोष मलिक 

नवनियुक्त निदेशक प्रशासन एवं विकास डा.एस.के. मलिक ने बताया कि कार्यों में पारदर्शिता लाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होने कहा कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय में समय से उपस्थित रहने और निर्धारित समय पर काम खत्म करने की हिदायद दे दी गयी है। उनका विभाग पशुपालकों और किसानों से सीधे तौर पर जुड़ा है। पशु और किसान इस देश की रीड़ की हड्डी है। हमारी कोशि रहेगी कि हमारे विभाग से पशुपालकों और किसानों को भरपूर सेवा मिल सके। परिस्थयों के हिसाब से टारगेट सेट करूंगा। जहां जरूरत होगी वहां जनता की भी सेवा लेंगे। पहली प्राथमिकता पशुओं के स्वास्थ्य, टीकाकरण और उनकी टैगिंग की रहेगी। आवारा पशुओं तथा नर गो वंशियो की संख्या में कमी लाने का उनका पूरा प्रयास रहेगा।

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