published by saurabh
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नयी दिल्ली,(वार्ता): कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के पहले चरण में कृषि प्रसंस्करण, खाद्य प्रौद्योगिकी और मूल्य संवर्धन क्षेत्र की 112 स्टार्टअप को 1,185.90 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी जिससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी । सरकार खेती-किसानी को हर तरह से बढ़ावा दे रही है। किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार प्रदान करने पर भी सरकार का ध्यान है। इसी तारतम्य में कृषि से जुड़े स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है। श्री तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोर कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में नवाचार और प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्टार्टअप और कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देने पर है। इसी के तहत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत “नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम अपनाया गया है। वित्त वर्ष 2020-21 में, पहले चरण में एग्रो-प्रोसेसिंग, फूड टेक्नोलॉजी व वैल्यू एडिशन के क्षेत्र में 112 स्टार्टअप को 1,185.90 लाख रुपये की सहायता किस्तों में दी जाएगी, जो किसानों की आय बढ़ाने में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस महीने की शुरुआत में देश में कृषि अनुसंधान, विस्तार और शिक्षा की प्रगति की समीक्षा की थी। श्री मोदी का कहना है कि भारतीय समुदायों के पारंपरिक ज्ञान को युवा और कृषि स्नातकों के कौशल व प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ा जाना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय कृषि की पूर्ण क्षमता का लाभ लिया जा सकें। उनका कहना है कि उपकरण और उपकरणों के लिए डिज़ाइन की जरूरतों को पूरा करने के लिए हैकाथॉन का आयोजन साल में दो बार किया जा सकता है। श्री तोमर ने मंत्रालय की बैठकों में कृषि को प्रतिस्पर्धी बनाने, कृषि-आधारित गतिविधियों के लिए हैंडहोल्डिंग प्रदान करने और नई तकनीक को जल्द से जल्द अपनाने को कहा है। सरकार का जोर कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने पर है, इसीलिए श्री तोमर ने मूल्य संवर्धन और स्टार्टअप की जरूरत बताते युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने और इस क्षेत्र का कायाकल्प करने की बात कही। कृषि और संबद्ध गतिविधियों तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से, आरकेवीवाई-रफ्तार, जो कृषि मंत्रालय की महत्वपूर्ण योजना है, का पुनरीक्षण किया गया है। श्री तोमर ने बताया कि योजना के तहत, नवाचार एवं कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए “इनोवेशन एंड एग्री-एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट” कार्यक्रम जोड़ा गया है। इसके तहत ज्यादा स्टार्टअप को वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसी सिलसिले में मंत्रालय ने पांच नॉलेज पार्टनर्स , सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तथा 24 आरकेवीवाई-रफ्तार एग्रीबिजनेस इन्क्यूबेटर्स देशभर से चुने। इसके अलावा 112 स्टार्टअप को एग्रो-प्रोसेसिंग, फूड टेक्नोलॉजी और वैल्यू एडिशन के क्षेत्र में विभिन्न नालेज पार्टनर और कृषि व्यवसाय इन्क्यूबेटर्स द्वारा चुना गया। इन स्टार्टअप को 29 कृषि व्यवसाय ऊष्मायन केंद्रों में दो माह ट्रेनिंग दी गई है। ये स्टार्टअप युवाओं को रोजगार प्रदान करेंगे तथा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से किसानों की आय बढ़ाने में भी मददगार साबित होंगे।
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