नयी दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि किसानों के लाभ के लिए सरकार ने डिजिटल कृषि मिशन की शुरूआत की है और इस क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल पर फोकस किया जा रहा है। श्री तोमर ने क्रॉपलाइफ इंडिया (सीएलआई) की 41वीं वार्षिक आम सभा में कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने डिजिटल कृषि को आगे ले जाने के लिए निजी क्षेत्र के साथ एमओयू साइन किए है, जिनका उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाते हुए उन्हें हर तरह से लाभ पहुंचाना है।
उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि सीएलआई संयुक्त रूप से 70 प्रतिशत क्रॉप प्रोटेक्शन मार्केट का प्रतिनिधित्व करता है, देश में 95 प्रतिशत मॉलीक्यूल्स को लाने में इसकी भूमिका रही है। सीएलआई की सदस्य कंपनियां अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर रही हैं और वैश्विक स्तर पर रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर सालाना छह अरब डॉलर खर्च करती हैं, जिससे किसानों के लिए नए एवं सुरक्षित इनोवेशन संभव होते हैं।
भारत एग्रो केमिकल्स का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है। इस क्षेत्र की संभावनाओं को देखते हुए सरकार ने एग्रोकेमिकल सेक्टर को 12 चैंपियन सेक्टर्स में शामिल किया, जहां भारत वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इनोवेशन, पंजीकरण प्रणाली मेंतेजी, प्रारंभिक फसल संरक्षण अनुसंधान एवं डिजिटलीकरण अभियान की मदद से केमिकल सेक्टर में अग्रणी होने की काफी क्षमता है।
कृषि मंत्री ने कहा कि कोविड-19 अभूतपूर्व वैश्विक संकट काल रहा लेकिन इस दौर में भी कृषि क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा उठाए विभिन्न कदमों ने अर्थव्यवस्था को गति दी। कोविड ने चुनौतियां पेश करने के साथ-साथ संबंधित पक्षों को प्रयोग एवं परीक्षण करने, सीखने और इनोवेटिव आइडिया को लागू करने का अवसर भी प्रदान किया है।
किसानों की मेहनत, वैज्ञानिकों की कुशलता व सरकार के समन्वित प्रयासों से लॉकडाउन के दौरान कृषि इनपुट को छूट देने के कदमों ने कृषि उत्पादकता को स्थिर रखने में मदद की एवं अन्य क्षेत्रों में भारी गिरावट के बावजूद आर्थिक परिदृश्य को सकारात्मक बनाए रखा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड संकट के कारण कई देश अपने प्रोडक्शन बेस और आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने तथा जोखिम कम करने के लिए प्रयासरत हैं, भारत के पास इस बदलाव का लाभ लेने का अवसर है।
इस महत्वपूर्ण मोड़ पर मौजूदा अवसर को भुनाने की दिशा में कारोबारी सुगमता एवं प्रगतिशील एवं स्टेबल रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क से निवेशकों का विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी। श्री तोमर ने कहा कि सटीक कृषि न केवल दक्षता बढ़ाएगी, बल्कि खेती को अधिक टिकाऊ बनाएगी। भारत को एक जिम्मेदार वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करते हुए व्यापक व्यवस्था तैयार करने की जरूरत है, जो भारत के विकास में भी सहायक हो।