नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी हिंसा में किसानों समेत आठ लोगों के मारे जाने के मामले में ‘स्वतः संज्ञान’ सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को तीन अक्टूबर की घटना से संबंधित प्राथमिकी पर अब तक की गयी कार्रवाई की ‘स्थिति रिपोर्ट’ शुक्रवार तक पेश करने का आदेश गुरुवार को दिया। मुख्य न्यायाधीश एन.वी.रमन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने शुक्रवार तक ‘कार्रवाई स्थिति रिपोर्ट’ पेश करने को कहा। शीर्ष अदालत ने कहा, “हिंसा के मामले में जो प्राथमिकी दर्ज की गई है, उस पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है।
इसके बारे में अगले 24 घंटे में विस्तृत कार्रवाई स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाये।” न्यायालय ने कहा कि प्राथमिकी में दर्ज आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया गया कि नहीं, इसके बारे में राज्य सरकार अवगत कराये। शीर्ष अदालत ने हिंसा में 19 साल के बेटे के मारे जाने की घटना के कारण गंभीर रूप से बीमार एक महिला का समुचित इलाज कराने का आदेश राज्य सरकार को दिया।
पीड़ित की ओर से एक वकील ने अदालत को महिला के स्वास्थ्य के बारे में अवगत कराया था। शीर्ष अदालत ने सुनवाई की शुरुआत में कहा कि रजिस्ट्री कार्यालय के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान की खामियों की वजह से लखीमपुर खीरी हिंसा मामला ‘स्वतः संज्ञान’ मामले के तौर पर आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हो गया था लेकिन आगे की कार्यवाही जनहित याचिका के तौर पर की जायेगी।
इसके बाद खंडपीठ ने इस पर आगे जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई करने का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई जनहित याचिका के तौर पर ही की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हिंसा के मामले में दो वकीलों के पत्रों के माध्यम से शीर्ष अदालत को सूचना मिली थी। इस वजह से ऐसी असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गयी।
उन्होंने इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर सूचीबद्ध करने का आदेश रजिस्ट्री को दिया है। इस मामले में कल जनहित याचिका के तहत सुनवाई की जाएगी। गौरतलब है कि बुधवार को उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर जानकारी दी गई थी कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में शीर्ष अदालत ने स्वतः संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की खंडपीठ ने सुनवाई की।
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का लखीमपुर खीरी में एक कार्यक्रम था। इसी दौरान केंद्र के तीन कृषि कानूनाें का विरोध कर रहे किसानों में से चार की कार से कुचलकर मृत्यु हो गई। उसके बाद हुई हिंसा में चार अन्य लोगों की मृत्यु हो गई। आरोप है कि केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र के पुत्र की गाड़ी से कुचलकर कई आंदोलनकारियों की मृत्यु हुई।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने आंदोलनकारियों एवं विपक्ष के भारी दबाव के बीच इस मामले में श्री अजय मिश्रा और आशीष मिश्रा समेत कई लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है। शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने लखीमपुर खीरी की हिंसा को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया।