सितंबर से 5.27 प्रतिशत घटी वाहनों की बिक्री

व्यापार

नयी दिल्ली। सेमी कंडक्टर और चिप की आपूर्ति लगातार बाधित होने के कारण उत्पादन कम होने से इस वर्ष सितंबर में वाहनों की बिक्री इसके पिछले वर्ष की समान अवधि के 1368307 इकाई के मुकाबले 5.27 प्रतिशत कम होकर 1296257 इकाई रह गई है। ऑटोमोबाइल डीलरों के संघ (फाडा) के गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2020 में देश में कुल 1368307 वाहनों की बिक्री हुई, जो सितंबर 2021 में 5.27 प्रतिशत घटकर 1296257 इकाई रह गई है। इस अवधि में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 11.54 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह 10,33,895 इकाई से कम होकर 9,14,621 इकाई पर आ गई।
आलोच्य अवधि में तिपहिया वाहनों की बिक्री में जबरदस्त 50 प्रतिशत से अधिक की उछाल आई और यह 24,262 इकाई से बढ़कर 36,612 इकाई पर पहुंच गई। इसी तरह यात्री वाहनों की बिक्री भी 2,00,576 इकाई से 16.32 प्रतिशत बढ़कर 2,33,308 इकाई हो गई है। इस दौरान व्यवसायिक वाहनों की बिक्री 40,112 इकाई से 46.64 प्रतिशत बढ़कर 58,820 इकाई, हल्के व्यवसायिक वाहनों की बिक्री 30,222 इकाई से 20.69 ऊपर होकर 36,474, मध्यम व्यवसायिक वाहनों की बिक्री 1,595 इकाई से 136.11 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 3,766, भारी व्यवसायिक वाहनों की बिक्री 5,059 इकाई से 189.29 प्रतिशत की उछाल के साथ 14,635 तथा अन्य वाहनों की बिक्री 3,236 इकाई से 21.91 प्रतिशत बढ़कर 3,945 इकाई पर पहुंच गई है।
फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने सितंबर में वाहनों की बिक्री पर अपनी टिप्पणी में कहा, “सितंबर में वाहनों की खुदरा बिक्री प्रभावित हुई है। हालांकि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में वाहनों की बिक्री में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है लेकिन जब कोविड महामारी के शुरू होने से पूर्व की समान अवधि से तुलना करें तो इसमें 29 प्रतिशत की कमी आई है। ट्रैक्टरों की बिक्री में 19 प्रतिशत की बढ़त के अलावा निजी वाहनों के लिए यह आंकड़ा लगभग पूर्व-कोविड स्तर तक पहुंच गए।”
श्री गुलाटी ने कहा कि पूरा देश आज से शुरू हो रहे 42 दिनों के उत्सव की अवधि में प्रवेश कर रहा है। इस साल के त्योहारी सीजन में वाहनों की बिक्री में मिलाजुला रुझान रह सकता है। हालांकि डीलरों ने दुपहिया वाहनों की श्रेणी में अपनी इन्वेंट्री बढ़ा दी है जबकि सेमी कंडक्टर की कमी होने की वजह से चालू वित्त वर्ष में यात्री वाहनों की यह सबसे कम इन्वेंट्री है। चिप की कमी अगले दो तिमाहियों में भी घटने की संभावना कम है।