नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवतर्न के मद्देनजर आधुनिक तकनीक और उपकरणों को गांव गांव तक ले जाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे फसल लागत कम होगी और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी किसान बेहतर पैदावा ले सकेंंगे। श्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर विशेष गुणों वाली नयी विकसित 35 फसल प्रजातियों को जारी किये जाने और राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान रायपुर का उद्घाटन करने के अवसर पर आयेजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि बदलते मौसम और नयी परिस्थितियां न केवल फसलों बल्कि पशुधन के लिए भी गंभीर चुनौती है।
नयी परिस्थिति में अधिक पोषणयुक्त आहर उपलब्ध कराने के लिए नयी किस्मों के बीज पर फोकस किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नयी मौसम की चुनौतियो से निपटने में सक्षम अधिक पौष्टिक तत्व वाली फसलों , कम पानी , गंभ्साीर बीमारियों में सुरक्षित किस्मों , जल्दी तैयार होने वाली फसलों तथा खारे पानी में भी होने वानी फसलों पर ध्यान फोकस किया जा रहा है । कीड़ों से भी फसलों को भारी नुकसान होता है इसके लिए सुरक्षा कवच का दिया जाना जरुरी है जिससे तेजी से विकास होगा।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवतर्न के मद्देनजर वैज्ञानिकों ने विभिन्न फसलों की 1300 किस्मों के बीज हाल के वर्षो में जारी किये हैं । उन्होंने कहा कि 11 करोड़ से अधिक किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया गया है जिससे उन्हें कृषि लागत में बचत हो रही है और अनावश्यक उर्वरक और कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करना पड़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि फसल बीमा योजना के एक लाख करोड़ रुपये के किसानों के दावों का भुगतान किया गया है और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत डेढ लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में जमा किये गये हैं।