नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने के बाद वायु गुणवत्ता बुधवार को फिर से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 328 दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता प्रणाली और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी। सफर के मुताबिक मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 282 पर आ गया था जो खराब श्रेणी में आता है लेकिन आज यह फिर से बढ़कर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया। सफर के बुलेटिन के मुताबिक 27 नवंबर से हवा की गति तेज होने का अनुमान है, जिसके परिणामस्वरूप वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
सफर ने कहा, “वायु प्रदूषण में अधिक योगदान देने वाले पराली जलाने वाले खेतों की संख्या घटकर अब 770 रह गई है। दिल्ली में आज पीएम 2.5 में इसका योगदान तीन फीसदी रहा।” एजेंसी के मुताबिक आज पूर्वाह्न 11 बजे राजधानी में पीएम 2.5 की सघनता बेहद खराब 156 और पीएम 10 292 के साथ ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी के आईटीओ, लोधी रोड और मथुरा रोड सहित कई अन्य इलाकों में हवा की गुणवत्ता क्रमश: 333, 303 और 346 के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया, जबकि आनंद विहार और जहांगीरपुरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक क्रमश: 422 और 436 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के पास स्थित इलाके फरीदाबाद (322), गाजियाबाद (352), गुरुग्राम (377) और नोएडा (393) में भी वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।
गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक शून्य से 50 के बीच अच्छा माना जाता है, 51 से 100 के बीच संतोषजनक माना जाता है, 101 से 200 को मध्यम माना जाता है, 201 से 300 को खराब माना जाता है, 301 से 400 बेहद खराब और 401 से 500 सूचकांक को गंभीर माना जाता है। इस बीच वायु गुणवत्ता में पिछले दिनों कुछ सुधार आने के बाद दिल्ली सरकार ने सोमवार को निर्माण गतिविधियों पर से प्रतिबंध हटा दिया था, हालांकि अगले आदेश तक विद्यालयों को बंद रखा गया।