प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला (RS Surjewala) ने पायलट और उनके विश्वस्तों पर कार्रवाई की सुचना दी
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जयपुर: Rajasthan Political Crisis: राजस्थान (Rajasthan) में मचे सियासी घमासान में आखिरकार वही हुआ जिसका अंदेशा जताया जा रहा था. कांग्रेस पार्टी ने सख्त रुख अपनाते हुएसचिन पायलट (Sachin Pilot) और उनके दो विश्वस्तों को राजस्थान के मंत्री पद से हटाने की घोषणा की है. सचिन पायलट, अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में उप मुख्यमंत्री थे. इसके साथ ही पायलट को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी बर्खास्त कर दिया गया है. पायलट और उनके विश्वस्तों पर इस कार्रवाई की घोषणा कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला (RS Surjewala) ने मीडिया को संबोधित करते हुए की.
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न्होंने कहा कि राजस्थान के चार दिन के घटनाक्रम से सब परिचित हैं. भाजपा ने एक षड्यंत्र के तहत राजस्थान की चुनी हुई सरकार को गिराने की साज़िश की गई है. भाजपा ने धनबल, सत्ता बल, ईडी और इनकम टैक्स विभाग का गलत इस्तेमाल किया गया है. पूरे देश ने देखा कि अशोक गहलोत सरकार के विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सचिन (पायलट) और कुछ विधायक भ्रमित होकर सरकार गिराने की साज़िश में शामिल हो गए. गौरतलब है कि पायलट, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस की केंद्र सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. अपने खिलाफ हुई ‘कार्रवाई’ के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट किया-सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं.
पायलट को पदों से हटाने की घोषणा करते हुए कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया कि पार्टी ने उन्हें पर्याप्त सम्मान और पद दिया लेकिन वे सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने लगे. पिछले तीन चार दिन से चल रही सियासी सरगर्मियों के बीच कांग्रेस की बैठक में सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्रिपद से हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया. रणदीप सुरजेवाला ने जानकारी देते हुए बताया कि सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री पद के अलावा राजस्थान कांग्रेस प्रमुख पद से भी हटाया गया है. गोविंद सिंह दोस्तारा होंगे नए प्रदेश अध्यक्ष. इसके विधायक गणेश घोघरा को यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. हेमसिंह शेखावत को कांग्रेस सेवा दल का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
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इस बीच, नए घटनाक्रम के बाद अब विपक्षी पाटी बीजेपी, सरकार से सदन में बहुमत साबित करने की मांग कर सकती है. विधायकों के संख्या बल के मामले में अशोक गहलोत की सरकार इस समय असमंजस की सी स्थिति में है. ऐसा माना जा रहा है कि गहलोत को समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या 100 से भी कुछ नीचे है. भारतीय ट्राइबल पार्टी (ITP) के दो सदस्य] जो कांग्रेस सरकार के साथ बैठे थे, सोमवार को समर्थन वापस लेने की घोषणा कर चुके हैं. उनका समर्थन वापस ले लिया. 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में बहुमत के लिए 101 के आंकड़े के जरूरत है.
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