सूरत, गुजरात में सूरत महानगर के निकटवर्ती कडोदरा औद्योगिक क्षेत्र में एक पैकिजिंग कम्पनी की फ़ैक्टरी में आज तड़के भीषण आग लगने की घटना में कम से कम दो लोगों की मौत हो गयी जबकि 70 से अधिक कामगारों को सकुशल बचा लिया गया।
सूरत महानगरपालिका के डिविज़नल फ़ायर ऑफ़िसर ईश्वर पटेल ने यूएनआई को बताया कि सूरत शहर से क़रीब 18 किमी दूर बारडोली रोड पर वारेली गार्डन के निकट जीआईडीसी क्षेत्र में स्थित डीवा पैकिजिंग कम्पनी की पांच मंज़िली इमारत की बेसमेंट में तड़के क़रीब दो-तीन बजे सम्भावित शॉर्ट सर्किट के चलते आग लग गयी। इसकी सूचना फ़ायर ऑफ़िस को क़रीब पौने पांच बजे मिली।
उन्होंने बताया कि-एक जला हुआ शव बेसमेंट से मिला जबकि एक भयभीत कामगार की पाँचवी मंज़िल से छलांग लगाने के बाद मौत हो गयी। आग से पूरा बेसमेंट जल गया। बिल्डिंग के बाक़ी हिस्से को कोई नुक़सान नहीं हुआ। बेसमेंट के बाहर स्थित एक पेड़ के भी आग की चपेट में आने से जब इसकी लपटें चौथी मंज़िल तक उठने लगीं तो डर कर एक कर्मी ऊपर से कूद गया था। उसकी मौक़े पर ही मौत हो गयी। क़रीब 16 अग्निशमन वाहनों और 100 अधिकारियों-कर्मियों ने पांच घंटे की मशक़्क़त के बाद आग पर पूरी तरह क़ाबू पा लिया। इमारत में फंसे सभी 72 लोगों को सकुशल बाहर निकल लिया गया। धुएं से प्रभावित दो-तीन लोगों को अस्पताल ले जाया गया है पर आग से एक मृतक के अलावा कोई अन्य व्यक्ति जला नहीं है।
श्री पटेल ने बताया कि बेसमेंट में प्लास्टिक तथा अन्य ज्वलनशील वस्तुएं होने से आग तेज़ी से फैल गयी। इमारत में आग से बचने के लिए पर्याप्त सुविधायें भी नहीं थीं। सौभाग्य यह रहा कि हवा की दिशा के चलते आग और तेज़ नहीं हुई और अत्याधुनिक हायड्रोलिक उपकरण के ज़रिए लोगों को ऊपर से जल्द सकुशल बाहर निकल लिया गया।
ज्ञातव्य है कि गुजरात के सूरत शहर में ही मई 2019 में एक कोचिंग संस्थान में लगी आग की घटना में 22 बच्चों की मौत हो गयी थी। उसके बाद भी राज्य में अस्पतालों और फ़ैक्टरियों में आग की कई घटनायें हुई और इनमे बहुत से लोगों की मौत हुई थी। अभी हाल में एक जांच आयोग ने सूरत और अहमदाबाद के दो अस्पतालों में आग से एक दर्जन से अधिक कोरोना रोगियों के मौत के मामले में प्रबंधन को ज़िम्मेदार ठहराया था। इन घटनाओं के चलते राज्य सरकार की ख़ासी किरकिरी हुई थी।