तेलंगाना में आज रेवंत रेड्डी का राजतिलक, जानें कौन होगा डिप्टी CM और कौन बनेगा मंत्री

राजनीती

तेलंगाना में रेवंत रेड्डी की सरकार बनने वाली है। गुरुवार को हैदराबाद के एलबी स्टेडियम में दोपहर 1.04 मिनट पर रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। तेलंगाना राज्य की स्थापना के बाद, सोनिया गांधी तेलंगाना में चल रहे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए चली गई हैं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के

अलावा मल्लिकार्जुन खरगे भी समारोह में शामिल हो सकते हैं। कार्यक्रम में भी लगभग एक लाख लोग शामिल होने की उम्मीद है। भव्य शपथ ग्रहण करके कांग्रेस दक्षिण की राजनीति में अपना प्रभाव बनाए रखने का तरीका अपना रही है।

रेवंत रेड्डी के साथ एलबी स्टेडियम में कितने नेता विधायक और मंत्री पद की शपथ लेंगे? कांग्रेस के दलित नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क, जो लगातार चार बार विधायक बने रहे हैं, अभी तक आधिकारिक तौर पर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की संभावना है। विभिन्न दूसरे नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं, लेकिन रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में किसे स्थान मिलेगा, यह देखना होगा।

तेलंगाना में कैसा होगा कैबिनेट का स्वरूप

तेलंगाना विधानसभा में 119 सदस्य हैं, इसलिए अधिकतम 18 मंत्री (मुख्यमंत्री भी शामिल) बनाए जा सकते हैं। कैबिनेट के सदस्यों की संख्या विधानसभा के कुल सदस्यों की 15% से अधिक हो सकती है। केसीआर सरकार ने 18 मंत्री भी बनाए। रेवंत रेड्डी की अगुवाई में कांग्रेस सरकार बनने वाली है, लेकिन सूत्रों की मानें तो सीएम के साथ आठ से नौ मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है।

रेड्डी कैबिनेट पर सस्पेंस बना हुआ है

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के नाम पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन मंत्रिमंडल पर बहस जारी है। रेवंत रेड्डी के मंत्रिमंडल पर संकट है, लेकिन मल्लू भट्टी विक्रमार्क उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं। सरकार का गठन, रेवंत रेड्डी को सीएम पद की शपथ दिलाने और स्पीकर के चुनाव के बाद कैबिनेट का विस्तार करने का अनुमान है। पार्टी नेताओं को इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं दी है कि गुरुवार को उनके साथ कितने मंत्री शपथ लेंगे, रेवंत रेड्डी ने बुधवार को दिल्ली से हैदराबाद पहुंचते ही सीधे जुबली हिल्स स्थित अपने आवास पर गए।

जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाया जाएगा, जिसमें नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने और स्पीकर को चुना जाएगा। ऐसे में रेवंत रेड्डी ने तुम्मला नागेश्वर राव को विधानसभा स्पीकर पद पर नामांकित करने की चर्चा की है। बुधवार को रेवंत रेड्डी ने दिल्ली में पार्टी आलाकमान के साथ पूरे दिन चर्चा की। रेवंत ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। माना जाता है कि रेवंत रेड्डी ने इस दौरान कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ स्पीकर के नाम और मंत्री मंडल की स्थापना पर चर्चा की है।

मंत्री के रेस में इन नेताओं के नाम

तेलंगाना में रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में शामिल होने वाले कई दिग्गज नेता मंत्री बनने की दौड़ में हैं, हालांकि अभी उनके नाम सामने नहीं आए हैं। मंत्री बनने की दौड़ में उत्तम कुमार रेड्डी, डी. श्रीधर बाबू, पोन्नम प्रभाकर, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, जी. विनोद और सीताक्का शामिल हैं। कांग्रेस के कम्मा विधायक तुम्मला नागेश्वर राव और पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी पूर्ववर्ती खम्मम जिले से बड़े दावेदार हैं। वाईएस राजशेखर रेड्डी सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे दामोदर राजा नरसिम्हा भी एक महत्वपूर्ण कैबिनेट पद की उम्मीद कर रहे हैं। माना जाता है कि प्रसिद्ध बीसी नेता पोन्नम प्रभाकर भी चुनाव में हैं, जो गौड़ समुदाय से आता है।

तेलंगाना में दो डिप्टी सीएम का दांव

कांग्रेस हाईकमान ने रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री पद देने के बावजूद, उन्हें मिशन-2024 और तेलंगाना का सियासी समीकरण बनाने की भी जिम्मेदारी है। इसमें मल्लू भट्टी विक्रमार्क को गुरुवार को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा, लेकिन एक महिला को भी डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। मल्लू भट्टी के साथ दानसारी अनसूया उर्फ सीताक्का को उपमुख्यमंत्री बनाने की चर्चा चल रही है। तेलंगाना में दो डिप्टीसीएम बनाने का फॉर्मूला चर्चा में है, लेकिन मल्लू भट्टी विक्रमार्क एक ही डिप्टीसीएम बनाने के पक्ष में है।

मल्लू भट्टी विक्रमार्क दलित समुदाय से आते हैं तो दानसारी अनसूया आदिवासी समुदाय से आती हैं. तेलंगाना में कांग्रेस की जीत में दलित और आदिवासी वोटर की अहम भूमिका रही है. केसीआर इन्हीं दोनों समुदाय के वोटों को साधकर ही 9 साल तक राज किए हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस का विश्वास बना है. मुस्लिम वोटों को भी साधने की चुनौती है, लेकिन एक भी मुस्लिम कांग्रेस से विधायक नहीं बन सका है. रेवंत रेड्डी के करीबी विश्वासपात्र, शब्बीर अली निज़ामाबाद शहरी में चुनाव हार गए. शब्बीर अली को कैबिनेट में जगह देने के लिए उन्हें एमएलसी बनाए जाने की जरूरत है.