शिवपाल का सपा में आना लाभकारी साबित हो सकता है: सुखराम

कानपुर राजनीती

कानपुर। समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह यादव ने दावा किया कि पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिये बार बार सपा के साथ गठबंधन की बात कर रहे हैं। क्योंकि पार्टी में सभी का यह विश्वास है कि प्रसपा का साथ मिलने पर ही सपा को लाभ होगा। मुलायम के करीबी एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखराम ने यूनीवार्ता से विशेष साक्षात्कार में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को यह नसीहत दी। उन्होंने कहा, “शिवपाल बार बार सपा के साथ गठबंधन की जो बात कर रहे हैं, वह नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की मंशा का ही नतीजा है। इसका असर अखिलेश पर कितना पड़ेगा, यह समय ही बतायेगा लेकिन यह बात सही है कि चुनाव में शिवपाल का साथ मिलने से सपा को बहुत लाभ मिलेगा।”

सपा से शिवपाल के अलग होने से आहत महसूस कर रहे सुखराम अपने दर्द को दबा नहीं पाये। चुनाव में उनकी अपनी भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा “सपा के गठन में जिन लाेगों ने योगदान दिया आज वह हाशिये पर रख दिये गये है। ऐसे नेताओं के मन और विचार में समाजवाद है, लेकिन उसे प्रकट नहीं कर पा रहे है। हम नहीं सोच पा रहे है कि सपा के मौजूद नेतृत्व के खिलाफ निर्णय लें अथवा उसके साथ अपना सफर जारी रखें।” उन्होंने कहा “पार्टी के गठन से लेकर अब तक हमारे परिवार ने हर समय मुलायम सिंह का साथ दिया है। हम लोग जन्म से समाजवादी हैं। हम कहीं भी रहें ,समाजवादी विचारधारा से खुद को अलग नहीं कर सकते।” सपा में वैचारिक बिखराव के सवाल पर सुखराम ने कहा कि मुलायम सिंह ने डा राम मोहर लोहिया की विचारधारा से प्रेरित होकर सपा का गठन किया था।

अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि सपा, समाजवादी विचारधारा से भटक गयी है। उन्होंने नसीहत दी कि सपा यदि पुराने नेताओं को लेकर काम करेगी और अपने परिवार के शिवपाल सिंह जैसे लोगों को साथ लेकर चलेगी तो सत्ता में जरूर वापसी करेगी। मौजूदा सरकार के अब तक के प्रदर्शन के सवाल पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुये सरकार के कामकाज पर संतोष व्यक्त किया। वरिष्ठ सपा नेता ने कहा “ योगी के रूप में प्रदेश को ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जिसका अपना कोई परिवार नहीं है और पूरा प्रदेश उसका परिवार है। ऐसे लोग कम मिलते हैं जैसे योगी आदित्यनाथ है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के कार्यकाल को देखकर उसके भाग्य का फैसला जनता चुनाव में करेगी।”