नयी दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त कर उनको और उनके पुत्र आशीष मिश्र मोनू को तत्काल गिरफ़्तार करने की माँग करते हुए हुए कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना ने केंद्र और उत्तर प्रदेश में राज कर रही भारतीय जनता पार्टी के चरित्र को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को यहाँ आज संवाददाताओं से कहा कि अगर 11 अक्टूबर तक संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो संयुक्त किसान मोर्चा दशहरा के अवसर पर, 15 अक्टूबर को किसान विरोधी भाजपा सरकार के प्रतिरूप प्रधानमंत्री बनें नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और स्थानीय नेताओं के पुतले जला कर उनके झूठ का दहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी हत्याकांड भारत के किसान आंदोलन के इतिहास में एक दर्दनाक अध्याय की तरह याद किया जाएगा।
अब तक सार्वजनिक हुए तमाम वीडियो के माध्यम से इस घटना का पूरा सच देश के सामने आ चुका है। इससे स्पष्ट है कि यह घटना अचानक नहीं हुई। अपराधी छवि का खुद बखान करने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने पहले एक समुदाय विशेष के किसानों को धमकी दी, फिर विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को उकसाने की कोशिश की, फिर उनके बेटे और उसके गुर्गों ने प्रदर्शन से वापस जा रहे किसानों को पीछे से गाड़ी चलाकर रौंद दिया जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई। इस नृशंस हत्याकांड में संलिप्त लोगों के चेहरे भी अब देश के सामने बेनकाब होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना ने केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और दोनों सरकारों में राज कर रही भारतीय जनता पार्टी के चरित्र को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है।
इतने बड़े हत्याकांड और उसमें भाजपा नेताओं के संलिप्त होने के स्पष्ट प्रमाण होने के बावजूद भी भाजपा अपने नेताओं और गुंडों के खिलाफ कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं है। यह स्पष्ट है कि इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन के सामने अपने पांव उखड़ते देखकर भाजपा अब हिंसा पर उतारु हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया है कि हम इस हिंसा का जवाब शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक जन-आंदोलन के जरिए देंगे। इस हत्याकांड और सरकार द्वारा संतोषजनक कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और द्वेष फैलाने, हत्या और षडयंत्र के आरोप में गिरफ्तार किया जाए। अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (मोनू) और उसके सहयोगियों (जिनमें सुमित जयसवाल और अंकित दास के नाम सामने आए हैं) को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 12 अक्टूबर को देश भर में शहीद किसान दिवस के रूप में मनाया जायेगा।
उत्तर प्रदेश और देशभर के किसानों से अपील है कि वह 12 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में शहीद किसानों की अंतिम अरदास (भोग) में सम्मिलित होकर उन्हें श्रद्धांजलि दें। सभी किसान संगठनों से अपील है कि वे उस दिन अपने-अपने स्थान पर गुरुद्वारा, मंदिर, मस्जिद, चर्च या किसी सार्वजनिक स्थल, टोल प्लाजा या मोर्चा पर शहीद किसानों के लिए विशेष प्रार्थना सभा या श्रद्धांजलि सभा आयोजित करें। उस दिन शाम को मोमबत्ती मार्च आयोजित किए जाएं। देश के सभी न्यायप्रिय नागरिकों से यह अपील है कि वह उस शाम को पांच शहीदों की याद में पांच मोमबत्ती अपने घर के बाहर जलाएं। किसान मोर्चा ने आरोप लगाया कि लखीमपुर की घटना सोची समझी साज़िश के तहत हुई है इसलिए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त कर उनको और उनके पुत्र आशीष मिश्र मोनू को तत्काल गिरफ़्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर 11 अक्टूबर तक संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो संयुक्त किसान मोर्चा देशव्यापी विरोध कार्यक्रम की शुरुआत करेगा। इन कार्यक्रमों की रुपरेखा इस प्रकार है:
(1) अंतिम अरदास के बाद लखीमपुर खीरी से शहीद किसानों के अस्थि कलश लेकर शहीद किसान यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले और देश के प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग अस्थि कलश लेकर शुरू की जाएगी। इस यात्रा का समापन हर जिले और राज्य में किसी पवित्र या ऐतिहासिक स्थान पर किया जाएगा।
(2) दशहरा के अवसर पर, 15 अक्टूबर को, किसान विरोधी भाजपा सरकार के प्रतिरूप नरेंद्र मोदी, अमित शाह और स्थानीय नेताओं के पुतले जला कर उनके झूठ का दहन किया जाएगा।
(3) 18 अक्टूबर को देश भर में सुबह 10 बजे से 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन आयोजित किया जाएगा।
(4) 26 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा लखनऊ में लखीमपुर कांड के विरोध में एक किसान महापंचायत का आयोजन करेगा।
इस दौरान योगेन्द्र यादव ने कहा कि इस संघर्ष को आगे ले जाएँगे। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की कल बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि बारह अक्टूबर को पाँच शहीदों को अंतिम अरदास तिकोनिया में दी जाएगी। उन्होंने देशभर के किसानों को घटनास्थल तिकोनिया पहुँचने की अपील की। उन्होंने लखीमपुर की घटना को जलियाँवाला बाग क़े बराबर करार देते हुए कहा कि देश भर के लोगों को शहीदों को श्रधांजलि देने की अपील की। उन्होंने कहा कि बारह अक्टूबर को ही किसानों की अस्थि कलश निकाली जाएगी। एक एक कलश उत्तर प्रदेश के हर ज़िले में जाएगी और अन्य राज्यों में एक एक कलश यात्रा निकली जाएगी। उन्होंने कहा कि अठारह अक्टूबर को देशभर में रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा 26 अक्टूबर को लखनाऊ में महापंचयत किया जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जिस इलाक़े में किसानों को कुचला गया है वहाँ के लोग काफ़ी दहशत में है।उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का जब तक इस्तीफ़ा नहीं होगा जाँच निष्पक्ष नहीं हो सकता है। मंत्री और उनके बेटे की गिरफ़्तारी के बिना जाँच अधूरा रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन संघर्ष से समाधान की तरफ़ चलेगा। भारतीय किसान यूनियन उग्रहान के जोगिंदर सिंह उग्रहान ने कहा कि भाजपा की सरकार आंदोलन को बदनाम करने की तमाम कोशिश की लेकिन विफल हो गई है।आंदोलन को तोड़ने में विफल होने के बाद पिछले तीन महीने से जो भजपा सरकार जो कर रही है वह ख़तरनाक है। सरकार ने सब हिंसा के माध्यम से आंदोलन को कुचलना चाहती है। सरकार पूरी तरह हिंसा करने पर उतारू है। उन्होंने कहा कि इसका जवाब शांति और संघर्ष से दिया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य दर्शनपाल ने कहा कि पचीस सितम्बर में अजय मिश्र के भड़काऊ भाषण देते हैं जिसका परिणाम तीन अक्टूबर को सामने आया। हिंसा के माध्यम से देशभर में दहशत का माहौल बनाया जा रहा है जिसे सफल नहीं होने दिया जाएगा। हन्नान मौला ने कहा कि किसानों का आंदोलन देशभर में चलाया जा रहा है। चालीस करोड़ से ज़्यादा लोगों ने समर्थन किया है। संयुक्त किसान मोर्चा को देश के कोने कोने से समर्थन मिल रहा। हमारा आंदोलन तोड़ नहीं पाए तो हिंसा का रास्ता अपना रही सरकार। जहां जहां भाजपा की सरकार है वहाँ आरएसएस से मिलकर हिंसा की कोशिश कर कर रही है सरकार।