बरेली। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के कारण बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर, में बाढ़ के हालात हो गए हैं। रामगंगा और कोसी नदी में कालागढ़ बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से जिले के करीब तीन सौ गांव पानी से घिर गए। रामगंगा के किनारे स्थित तमाम गांवों में लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।
जिला प्रशासन के मुताबिक बहेड़ी के करीब 25 गांवों में हालात गंभीर हैं। बरेली के मीरगंज और बहेड़ी क्षेत्र के 30 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है। सबसे खराब हालात पीलीभीत की हैं। देवहा नदी की बाढ़ का पानी शहर के निचले इलाकों में घुस गया है। मुहल्ला बेनी चौधरी में लोगों के घरों में पानी भर गया। ऐसे में नागरिकों ने परिवार सहित मकानों की छतों पर डेरा डाल रखा है। ईदगाह क्रासिंग से बरेली हाईवे को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग पानी में डूबा है।
बैरीकेडिंग कराकर मार्ग पर आवागमन बंद करा दिया गया है। जिलाधिकारी नितीश कुमार और एसएसपी रोहित सिंह सजवाण बुधवार को बहेड़ी में प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने एसडीएम और तहसीलदार को टीमें बनाकर प्रभावित क्षेत्रों में भेजने और बारिश से होने वाले नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
डूडा शुमाली, कताई मिल, फिरोजपुर सहित कई प्रभावित गांवों के लोगों की समस्याएं सुनीं। जिन गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है, वहां अस्थायी कैंप लगाकर राहत की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। बहेड़ी के प्रभावित गांवों का निरीक्षण करने पहुंचे सीएमओ डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि बहेड़ी के कई गांवों में पानी घुस गया है। इससे यातायात भी बाधित हो गया है।
जलभराव से संक्रामक रोग फैलने की आशंका है जिसे देखते हुए स्थानीय सीएचसी, पीएचसी और स्वास्थ्यकर्मियों को अलर्ट कर प्रभावित इलाकों में दवा वितरण, संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए कार्रवाई करने, दुर्घटना होने पर देर रात चिकित्सकों को ऑन कॉल उपलब्ध रहने को कहा गया है। किन्हीं कारणों से अगर स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों से संपर्क न हो तो जिला अस्पताल या दूसरे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सक भेजने को कहा है।