जोहानसबर्ग। क्रिकेट दक्षिण अफ़्रीका ने अपनी राष्ट्रीय पुरुष टीम को शेष टी 20 विश्व कप मैचों की शुरुआत से पहले सामूहिक रूप से घुटने टेकने का निर्देश जारी किया है। बोर्ड ने उन चिंताओं को स्वीकार किया है कि ‘ब्लैक लाइव्स मैटर्स (बीएलएम) पहल के समर्थन में टीम के सदस्यों का बॉडी पॉजिशन अलग-अलग था’,मतलब सभी खिलाड़ियों ने घुटने नहीं टेके थे, जो बीएलएम के समर्थन में किया जा रहा है और ऐसा महसूस किया गया कि टीम के खिलाड़ियों के लिए एकजुट होना ज़रूरी है और नस्लवाद के ख़िलाफ़ लगातार लिए जा रहे क़दमों का समर्थन करना भी ज़रूरी है।
दक्षिण अफ़्रीका के इतिहास को देखते हुए यह और भी ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है पिछले साल बीएलएम आंदोलन के फिर से उभरने के बाद से, दक्षिण अफ्रीका ने नस्लवाद विरोधी आंदोलन का समर्थन करने के लिए विभिन्न रुख़ अपनाया है, लेकिन राष्ट्रीय टीम के कई खिलाड़ियों ने एक साथ घुटने नहीं टेके थे। श्रीलंका के ख़िलाफ़ श्रृंखला के दौरान इसी तरह की समस्या सामने आई थी लेकिन तभी बोर्ड ने खिलाड़ियों के लिए ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया था। वहीं ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ जब यह माजरा फिर से सामने आया तो इस बार बोर्ड ने आदेश जारी करना उचित समझा।
इस विश्व कप से पहले यह तय किया गया था कि बीएलएम को सपोर्ट करने कि लिए टीम के खिलाड़ियों के पास तीन ऑप्शन हैं। पहला तो एक घुटने को जमीन पर टेक कर मुट्ठी को हवा में लहराते हुए खड़ा रहना, दूसरा सिर्फ़ मुट्ठी को हवा में लहराते हुए खड़ा रहना और तीसरा सावधान की मुद्रा में खड़ा रहना। यह नियम श्वेत और अश्वेत सभी खिलाड़ियों और टीम के अन्य सदस्यों के लिए था। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेले गए मैच में क्विंटन डिकॉक ने इन तीनों शारिरिक पोज़ीशन में से एक को भी फ़ॉलो नही किया था।