published by saurabh
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लखनऊ, (ST News): उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने राज्य में बुधवार को स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के खाते में पैसे मौजूद होने के बावजूद आपूर्ति के व्यापक रूप से वाधित होने के मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए पावर काॅर्पोरेशन के अधीन कार्यरत सभी विद्युत वितरण कम्पनियों को नोटिस जारी करते हुए इसे प्रथमद्रष्टिता इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई का गम्भीर उल्लंघन माना है। नियामक आयोग के सचिव डॉ0 संजय कुमार ने गुरूवार को यहां बताया कि आयोग ने पावर काॅर्पोरेशन की स्मार्ट मीटर योजना की स्वीकृति पर विचार के समय मीटर रीडिंग के बैकअप और संचार विफलता की आशंका जताते हुए चिंता व्यक्त की थी। आयोग ने उस समय अपने आदेश में उपभोक्ता सूचना की सुरक्षा एवं गोपनीयता के लिए भी निर्देश दिये थे। उन्होंने कहा कि आयोग ने विद्युत आपूर्ति में व्यवधान की घटना को अपने पूर्व आदेश और इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड 2005 का उल्लंघन मानते हुए पावर काॅर्पोरेशन एवं इसके अधीनस्थ सभी विद्युत वितरण कम्पनियों के प्रबन्ध निदेशकों को इस घटना, जिससे ग्रिड सुरक्षा एव स्थिरता के लिए भी खतरा उत्पन्न हो सकता था, के मूल कारणों की समीक्षा करते हुए विस्तृृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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आयोग ने कहा कि आयोग को बताया कि जाय कि विद्युृत आपूर्ति में व्यवधान की इस घटना में कितने उपभोक्ता प्रभावित हुए और विद्युत आपूर्ति बहाल करने में कितना समय लगा। डॉ0 कुमार ने बताया कि नोटिस में यह भी पूछा गया है कि क्यों न इसे लाईसेंस की शर्तों और इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड-2005 का उल्लंघन मानते हुए इन पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 सपठित उत्तर प्रदेश विद्युत सुधार अधिनियम 1999 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जाये। साथ ही, इस चूक में जिम्मेंदार व्यक्तियों/ संस्थाओं की जिम्मेंदारी भी तय की जाये।
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