पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलने से थर्ड जेण्डरों की स्थिति में होगा सुधार:गिरि

उत्तर प्रदेश टॉप -न्यूज़ न्यूज़ प्रदेश प्रयागराज

published by saurabh

इसे भी देंखें https://www.youtube.com/watch?v=ta5scYWKE4o&t=263s

प्रयागराज,(वार्ता): किन्नर अखाड़ा प्रयागराज की महामण्डलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरि (टीना मां) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा थर्ड जेण्डरों को “पैतृक संपत्ति” में अधिकार दिये जाने की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया है। उन्होंने वैरहना स्थित आवास पर शनिवार को कहा कि इस अधिकार के मिलने से थर्ड जेण्डरों की स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि कि यह सुधार सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक होगा। थर्ड जेण्डरों के परिजन अब उनको अपनाने के लिये बाध्य होगे और परिवार एवं समाज में उनका महत्व बढेगा। उन्होंने कहा कि जन्म लेने वाला बेटा-बेटी या थर्ड जेण्डर होगा यह ईश्वर के अलावा कोई जानता नही है। यदि कोई बेटा – बेटी के बजाय थर्ड जेण्डर पैदा हो गया तो उसका अर्थ यह नही होता है कि उसका परिजन घर त्याग कर दें।

यह भी पढ़ें- https://sindhutimes.in/naidu-salute-farmers-for-record-sowing/

महामंडलेश्वर ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस आदेश से थर्ड जेण्डरों को एक नयी जिन्दगी मिल गयी है और उनको समाज में अब मान्यता भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि पैदा होने के काफी दिनों तक थर्ड जेण्डर यह नही जानता है कि वह क्या है। लेकिन परिवार और समाज उसको ताने मारकर बताता है कि वह थर्ड जेण्डर है। उन्होने प्रदेश सरकार से मांग किया है कि जिस तरह से बिहार, छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों में किन्नर वेलफेयर बोर्ड का गठन करके थर्ड जेण्डरों को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उसी तरह से उत्तर प्रदेश में किन्नर वेलफेयर बोर्ड का शीघ्र गठन किया जाये और उसके तहत योजनाओं का लाभ किन्नरों को दिया जाये। महामण्डलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरि ने कहा कि किन्नरों को समाज में आज जो सम्मानजनक स्थिति है उसके लिये किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज ने लंबा संघर्ष किया तब उच्चतम न्यायालय ने नाश्ला जजमेण्ट दिया जिसके तहत थर्ड जेण्डरों को समाज और कानून ने स्वीकार किया लेकिन आज तक अधिकार नहीं दिया जिससे सभी लोग दु:खी है।

कृषि से संबन्धित समाचारों के लिए लागइन करें–http://ratnashikhatimes.com/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *