विश्व की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत : मोदी

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published by saurabh

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नयी दिल्ली (वार्ता): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विश्व की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कृषि के क्षेत्र में बदलाव की जरूरत है। श्री मोदी ने 74 वे स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय बाहर से गेंहू मंगा कर यहां के लोगों का पेट भरा जाता था । किसानों के परिश्रम से हम कृषि के क्षेत्र आत्मनिर्भर हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसान न केवल भारत के लोगों का पेट ही नहीं भर रहे हैं बल्कि दुनियां में जिसे ज़रूरत है उसे अन्न दे सकते हैं । उन्होंने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि प्रसंस्करण , मूल्य संवर्धन , पैकेजिंग ,मत्स्य पालन आदि से किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है । प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण कल के दौरान ही एक लाख करोड़ रुपए के कृषि अवसंरचना कोष का गठन किया गया है ।

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इससे ग्रामीण क्षेत्र में आधारभूत संरचना का विकास किया जायेगा । ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और गैर कृषि क्षेत्र में क्लस्टर बनाए जायेंगे और किसान उत्पादक संगठन बनाए जायेंगे जिससे किसानों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा । श्री मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार के साथ ही किसानों को तमाम बंधनों से मुक्त किया गया है । साबुन या कपड़ा बनाने वाले अपने उत्पाद को कहीं भी बेच सकते हैं लेकिन किसान अपने उत्पाद अपनी मर्जी से नहीं बेच सकता था । कानूनों बदलाव किया गया है जिससे किसान अपने उत्पाद दुनियां में कहीं भी बेच सकता है । उन्होंने कहा कि कृषि लागत को कम करने का प्रयास किया जा रहा है और किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं ।

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