मुखबिरों की मदद से कन्या भ्रूण हत्या करने वाले केंद्रों पर कसेगा शिकंजा

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Published by Rajni Rai

झांसी। उत्तर प्रदेश सरकार ने घटते लिंगानुपात को रोकने के लिए मुखबिर योजना शुरू की है जिसकी मदद से कन्या भ्रूण हत्या या भ्रूण के लिंग की जांच करने वाले केंद्रों की जानकारी एकत्र कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने रविवार को योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश का घटता लिंग अनुपात एक गंभीर चिंता का विषय है और इसमें सुधार के लिए भ्रूण लिंग जांच और भ्रूण हत्या जैसे कार्यों पर रोक लगाना जरूरी है इसी उद्देश्य से प्रदेश सरकार मुखबिर योजना लेकर आयी है। योजना के प्रचार प्रसार के लिए कमिश्नर सुभाष चंद शर्मा ने मण्डल के सभी जिलाधिकारियों को पत्र के माध्यम से निर्देश दिये हैं।
मण्डलायुक्त ने कहा कि विगत एक दशक में देखा गया है कि वयस्क लिंग अनुपात के सापेक्ष 0-6 आयु वर्ग के लिंग अनुपात में अधिक गिरावट आयी है। जनगणना-2011 के अनुसार गत एक दशक में प्रदेश का 0-6 आयु वर्ग के लिंग अनुपात में 14 अंको की गिरावट दर्ज की गयी है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यही गिरावट 8 अंको की है। मण्डल के झांसी जनपद में 20 अंक, ललितपुर में 15 अंक तथा जालौन जनपद में 8 अंकों की गिरावर्ट दर्ज की गयी है। यह स्थिति चिंताजनक है तथा इससे निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

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मुखबिर योजना के अंतर्गत डिक्वाय ऑपरेशन के माध्यम से एक रणनीति बनाकर अवैध रूप से भ्रूण की लिंग जांच में लिप्त व्यक्तियों, संस्थाओं अथवा अल्ट्रासाउंड केंद्रों के खिलाफ जांच की जाएगी। दोषी पाये जाने पर जानकारी देने वाले को प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाना सुनिश्चत किया जाएगा।कमिश्नर ने मण्डल के सभी जनपद में मुखबिर योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराए जाने सभी महिला पुलिस कर्मियों, शिक्षिकाओं, ए.एन.एम., आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा अन्य विभागों में तैनात महिला कर्मिचारियों व अधिकारियों तक योजना के बारे में जानकारी पहुंचाने के निर्देश दिये हैं।उन्होने कहा कि जनपद स्तर पर डिक्वाय ऑपरेशन के संचालन में सहयोग के लिए सहमत इच्छुक महिला राज्य कर्मचारियों की सूची तैयार की जाए ताकि सूचना मिलने पर उनकी सेवाएं ली जा सकें।
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारी अपनी अध्यक्षता में एक विशेष बैठक प्रतिमाह बुलाएं तथा जनपद में संचालित अल्ट्रासाउन्ड केन्द्रों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाए। लिंगानुपात में गिरावट वाले ब्लॉक में विशेष अभियान चलाकर अवैध कृत्य में संलिप्त लोगों को चिन्हित कराकर उनके विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए यह आवश्यक है कि पुलिस, सतर्कता, राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों व एजेन्सियों के कार्यालयों में संलग्न शासनादेश की प्रतियां उपलब्ध कराई जाये। साथ ही इन विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारियों का यथासम्भव सहयोग लिया जाये। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के मार्ग दर्शन में अन्तर्राज्यीय सीमा के समीप के क्षेत्रों में नियमित अंतराल पर विशेष सर्च अभियान चलाया जाए तथा विशेष रूप से सतर्कता तंत्र का उपयोग किया जाये।
कमिश्नर ने संस्थाओं अथवा अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच के लिए अपर निदेशक डॉ. अल्पना बरतारिया को निर्देश दिये वही आपसी विभागों के समन्वय के लिए सिफप्सा व एनएचएम मण्डल प्रबन्धक आनंद चैबे को नोडल नामित किया है।अपर निदेशक डॉ. अल्पना बरतारिया ने बताया कि मण्डल आयुक्त के निर्देश पर इस योजना के क्रियान्वयन पर नए सिरे से पहल की जा रही है। उन्होने सभी महिला कर्मियों से अपील की, कि इस महत्वपूर्ण योजना से जुड़े।
प्रदेश सरकार द्वारा अवैध लिंग जांच में लिप्त अपराधियों को पकड़ने के लिये जनसामान्य की सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुखबिर योजना लागू की गयी है। इसके अंतर्गत गुप्त तरीके से इस कार्य में लगे लोगों की सूचना देकर रंगे हाथों पकड़वाने के लिए एक मुखबिर, एक मिथ्या ग्राहक और एक सहायक की टीम मिलकर योजना बनाकर कार्य कर यदि इसमें सफल होते हैं तो मुखबिर को 60 हजार, मिथ्या ग्राहक को एक लाख और सहायक को 40 हजार रूपये प्रोत्साहन रूप में तीन किस्तों में दिये जाते हैं।
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