कोरोना काल में भी अन्य सत्रों के समान रही सांसदों की उपस्थिति: बिरला

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नयी दिल्ली,  (वार्ता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि कोरोना महामारी के बीच आयोजित संसद सत्र के दौरान सदस्यों ने विपरीत परिस्थितियों में भी लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने की प्रतिबद्धता का बखूबी निर्वहन किया और सदन में उनकी औसत उपस्थिति अन्य सत्रों की तरह रही।

श्री बिरला ने शुक्रवार को यहां संसद भवन एनेक्सी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सत्र के दौरान सांसदो की औसत उपस्थिति 370 यानी 68.65 प्रतिशत रही जो अन्य सत्रों की उपसिति के समतुल्य है। दस दिन तक चले सत्र के पहले दिन 369 सदसय मौजूद रहे जबकि सत्र के दौरान 22 दिसम्बर को सबसे ज्यादा 383 सदस्यों की उपस्थिति दर्ज की गयी।

उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान सदस्यों ने देर रात तक सदन में बैठकर काम किया जिसके कारण सत्र की कार्य उत्पादकता 167 प्रतिशत रही। इस पूरे सत्र के लिए 37 घंटे का समय आवंटित किया गया था लेकिन सदस्यों ने 23 घंटे अतिरिक्त काम कर कुल 60 घंटे काम किया। काम का पूरी तरह से निपटान हो इसके लिए 20 और 21 सितम्बर को सभा की कार्यवाही रात साढे 12 बजे तक चली। इस दौरान 78 महिला सदस्यों में 63 ने सदन में विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी।

श्री बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान 16 विधेयक पुरस्थापित किए और 25 विधेयक पारित हुए हैं जिनमें से 11 विधेयक ऐसे थे जिनके माध्ये से अध्यादेशों को विधेयक के रूप में प्रतिस्थापित किया गया और इन सब विधेयकों पर कुल 35 घंटे 24 मिनट चर्चा चली। उन्होंने कहा कि ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 एवं कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020’ पांच घंटे 36 मिनट चर्चा और इस पर कुल 44 सदस्यों ने हिस्सा लिया।

उन्होंने कहा कि इस दौरान 2300 अतरांकित प्रश्नों के उत्तर पटल रखे गये और लगभग 90 प्रतिशत प्रश्नों की सूचना ऑनलाइन माध्यम से प्रापत हुए। सत्र के दौरान सबसे ज्यादा 167 सवाल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा दूसरे क्रम पर 150 सवाल कृषि मंत्रालय के पूछे गये जबकि रेलवे के 111 तथा इतने ही सवाल वित्त मंत्राालय से संबघित पूछे गये।